समझ लो
दिल की बात बताओ उसको ,जो हो सच्चा दोस्त ,
वो ही तो समझेगा केवल ,दिल के अंदर की बात ,
जो नहीं है सच्चा दोस्त ,वो नहीं समझेगा ||
दूजे किसी को बतलाओगे तो ,हँसी उड़ाएगा वो ,
इधर -उधर करके वह तो ,तमाशा बनाएगा वो ,
जो नहीं है सच्चा दोस्त ,वो नहीं समझेगा ||
तो तुम भी समझ जाओ ,बात की गहराई को ,
ऊपर ही ऊपर तैरने दो ,अपने दिल के अंदर की बात ,
जो नहीं है सच्चा दोस्त ,उसकी असलियत तुम समझ लो ||
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