मन की जीत
मोरा मन जानत है ,तोहरे मन की बात ,
तोहरा मन भी तो जाने ,मोरे मन की बात ,
मन ही मन का दोस्त है ,मन की ही है प्रीत ,
दोस्त करे अपनी मनमानी ,यही है वाकी रीत ||
मन झूमत है मस्ती में ,मानो हुई गवा बावरा ,
यही तो मन की रीत है ,जैसे मिला साँवरा ,
साँवरे के प्रेम में ,डूब गया होकर मदमस्त ,
नाच - नाच के थका हो ,मगर ना होगा पस्त ||
जग की रीत के साथ ही ,मन की अद्भुत रीत ,
मन हारा तो हम हारे , मन जीता तो हम जीते ,
इसका तो मतलब ,यह हुआ ना ,
मन के हारन से ही हार है ,मन के जीतन से ही जीत ||
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