Thursday, July 4, 2024

ADHOORI - KAHAANI ( CHANDRAMA )


                     अधूरी कहानी 


चाँद की चाँदनी ,जब उतरी धरा पर ,

दिल धरा का ,मचल सा गया देखकर ,

चमकीली चूनर चाँदनी की ,धरा ने जो ओढ़ी ,

डोल गया दिल भी गगन का ,धरा को देखकर || 


" आ धरा तू बन जा ,प्रियतमा मेरी ,

चलें घूमने दूर ,लॉंग ड्राइव पर ,

बातें भी होंगी ,घनेरी धरा तब ,

बिखरेंगी चहुँ ओर ,मुस्कानें हमारी || "


कहा जब गगन ने ,तो धरा शर्माई ,

बोली ," चलो तुम ,साथ में मेरे ,

मैं भी तो चाहूँ हूँ ,साथ तुम्हारा ,

मगर क्या हम दोनों ,साथ -साथ जा पाएँगे ?"


" तुम हो ऊँचाइयों पर ,मैं इतना नीचे ,

बीच में ये दुनिया की ,दीवार है आती ,

कैसे मिलकर ,साथ में चलें हम ?

दुनिया को यह बात ,बिल्कुल ना भाती || "


और दोस्तों रह गई ,यह कहानी ,

अधूरी ही अधूरी ,नहीं हुई पूरी ,

क्या है कोई रास्ता ,जो करे इसे पूरी ?

गगन और धरा की इच्छा ,

गगन और धरा की ,बनकर ,

अधूरी कहानी ,अधूरी कहानी || 




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