धमकी सागर की
सागर से पानी चला ,छल - छल करता जाय ,
लहरें सागर की मानो ,भागी -भागी जायँ ||
मत उछलो कूदो तुम ,रुक जाओ अंदर आय ,
सागर ने लहरों को ,मानो दिया धमकाय ||
लहरें तो थीं चंचला ,किस की बात में आयँ ?
वो ना धमकी से डरें ,ना ही वो रुक पायँ ||
पकड़ हाथ रोका सागर ने ,मगर वो उछल के भागीं ,
सागर के ना हाथ में आईं ,हँस -हँस कर वो भागीं ||
चलो खेल लो तुम ,जैसा मन में आय ,
बहुत दूर नहीं जाना तुम ,रस्ता भूल ना जाय ||
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