Saturday, January 8, 2022

AJANABI ( PREM )

 

                अजनबी 

 

मिल जाते हैं जिंदगी में ,

कई बार ऐसे अजनबी ,

छोड़ जाते हैं अपनी यादें ,

कई बार ऐसे अजनबी | 

 

व्यक्तित्व में शायद चुंबक हो ,

बोली में मीठी चाशनी घुली हो ,

बोली की गूँज छोड़ जाते हैं ,

कई बार ऐसे अजनबी | 

 

मिलते ही देते हैं प्यारी मुस्कान ,

जिससे दिल सभी का खिल जाता है ,

मुस्कानों का बगीचा खिला जाते हैं ,

कई बार ऐसे अजनबी | 

 

ख़ुशी से भरी बातों से ,

कानों में मानो रस बरसाते हैं ,

साँसों को भी महका जाते हैं ,

कई बार ऐसे अजनबी | 

 

जाते -जाते भी वो लोग ,

आगे मिलने की राह छोड़ जाते हैं ,

इंतजार करने की चाह छोड़ जाते हैं ,

कई बार ऐसे अजनबी | 

 

आज भी याद उनकी आती है ,

दिल में एक टीस सी जगाती है ,

पर मुस्कान भी साथ लाती है ,

क्योंकि याद आते हैं वो प्यारे अजनबी | 


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