अजनबी
मिल जाते हैं जिंदगी में ,
कई बार ऐसे अजनबी ,
छोड़ जाते हैं अपनी यादें ,
कई बार ऐसे अजनबी |
व्यक्तित्व में शायद चुंबक हो ,
बोली में मीठी चाशनी घुली हो ,
बोली की गूँज छोड़ जाते हैं ,
कई बार ऐसे अजनबी |
मिलते ही देते हैं प्यारी मुस्कान ,
जिससे दिल सभी का खिल जाता है ,
मुस्कानों का बगीचा खिला जाते हैं ,
कई बार ऐसे अजनबी |
ख़ुशी से भरी बातों से ,
कानों में मानो रस बरसाते हैं ,
साँसों को भी महका जाते हैं ,
कई बार ऐसे अजनबी |
जाते -जाते भी वो लोग ,
आगे मिलने की राह छोड़ जाते हैं ,
इंतजार करने की चाह छोड़ जाते हैं ,
कई बार ऐसे अजनबी |
आज भी याद उनकी आती है ,
दिल में एक टीस सी जगाती है ,
पर मुस्कान भी साथ लाती है ,
क्योंकि याद आते हैं वो प्यारे अजनबी |
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