Friday, January 7, 2022

MATVALA (KSHANIKA )

 

                      मतवाला 

 

नदिया के उस पार नहीं है ,कोई बावरा मतवाला ,

रहता नहीं है कोई अकेला ,प्यार में डूबा मतवाला | 

 

किस्मत में किसकी उस पार ?रहने का है घरौंदा बंधु ,

किसके पास हम जा सकते ?किसको कहदें मतवाला ? 

 

नदिया के इस पार हम बसे ,नदिया के उस पार कोई ना ,

चलो चलें हम ही वहाँ पर ,जहाँ ना कोई मतवाला | 

 

चलते हैं हम वहाँ -वहाँ ,जहाँ ले जाए हमें दिलवाला ,

दूर किनारे पर ना है कोई ,वहाँ बसेगा ये मतवाला | 

 

आप भी आना तुम भी बंधु ,जब बन जाए महल हमारा ,

इस मतवाले का झोंपड़ा भी ,कहलाएगा महल हमारा | 

 

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