Friday, January 28, 2022

ANDHERI SI ( JIVAN ) PM

 

                अँधेरी सी 

 

चमकते तारों की बारात आई ,

तो चंदा की चाँदनी भी गहराई ,

हर ओर धवल चाँदनी फैली तो ,

उजालों की मानो बरसात आई | 

 

मगर तभी बदरा की ,

लहरों ने घेरा आकाश को ,

छिपे सब सितारे ,छिप गया चंदा ,

चाँदनी ने भी अपना आँचल समेटा ,

उजाले छिप गए सब ,अँधेरों के पीछे ,

दोस्तों अब तो अँधेरी सी रात आई | 

 

सभी जीव छिप गए अपने नीड़ में ,

सभी प्राणी छिप गए अपनी ही छाँव में ,

सभी ओर अँधेरी सी छाँव आई |

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