बंधु मेरे
समय दिया ऊपर वाले ने ,बीत चला है काफी बंधु ,
बाकि समय बचा जो है ,खर्च करो खुश हो कर बंधु |
जितना जीवन है आगे ,मुस्कान बिखेरो उसमें बंधु ,
दोस्त बना लो ,मित्र बना लो ,सखि ,सहेली हैं सब बंधु |
प्यार ,मोहब्बत जीने की ,राह को आसां करते हैं ,
उन्हीं राहों पे चल कर के ,अपना प्यार बढ़ाओ बंधु |
फूल मोहब्बत के खिल जाएँ ,इस पूरी दुनिया में ,
ऐसे ही फूल मोहब्बत के ,तुम भी तो खिलाओ बंधु |
कल जब ये सब फूल खिलेंगे ,सारी दुनिया महकेगी ,
उस सारी खुश्बु में ही ,तुम लथपथ हो जाओ बंधु |
याद करे ये दुनिया तुमको ,ऐसी खुश्बु फैलाओ तुम ,
अपने साथ -साथ दूसरों का भी ,जीवन सुखी बनाओ बंधु |
कर जाओ ऐसा काम सखे ,ठोकें सभी सलाम सखे ,
तुम गर्व से सिर ऊँचा कर जाओ ,मुस्कानें खूब दे जाओ सखे |
ये जिंदगी की शाम है ,इसे हसीन कर लो बंधु ,
तपती दुपहरी तो बीत गई है ,अब तो बयार की शाम है बंधु |
पूरा जीवन संघर्ष किया है ,अब हल्के - फुल्के काम करो ,
जो कुछ जीवन में ना कर पाए ,उन शौक को पूरा करो बंधु |
देखो फिर दिल भी खिल जाएगा ,मुस्कान भी अपनी खिल जाएगी ,
उस खिलन से जीवन भी ,महक जाएगा अपना बंधु |
जीवन की इन मुस्कानों में ही ,जीवन का सत्य छिपा है बंधु ,
जीवन के संघर्षों में ही तो ,कर्म का फल भी छिपा है बंधु |
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