नेता जी
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती
के अवसर पर शृद्धा -सुमन ,
भारत माँ का वीर सपूत ,नाम सुभाष ,
जलाए हृदय में आज़ादी की मशाल ,
आज़ादी हासिल करने के लिए ,
कोशिशें तो उसकी थीं बहुत ही कमाल |
कई बार रूप बदलकर ,
अंग्रेजों को धोखा देकर ,
एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना ,
तरकीबें उसकी थीं बहुत ही कमाल |
देश दूसरे में पहुँच कर ,
अकेले दम पर सेना बना कर ,
सेना के हौसले और हिम्मत को बुलंदकर ,
उनकी हिम्मत थी बहुत ही कमाल |
चलते गए ,करते गए ,नए -नए काम ,
एक नया जोशीला नारा दिया ,
"तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा ",
उनका ये नारा था बेमिसाल ,बेमिसाल |
सभी ने उन्हें नेताजी कहा ,
जो सभी को नया रास्ता दिखाएँ ,
आज़ादी प्राप्त करने की राह सुझाएँ ,
उनकी सूझ -बूझ तो थी बहुत ही कमाल |
जय हिंद |
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