Tuesday, January 4, 2022

O - RACHETA ( AADHYATMIK )

    

                         ओ - रचेता

 

ओ रचेता ,तेरी बनाई इस दुनिया में ,फूलों के संग काँटे भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,दुःखों के संग सुख भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,आँसुओं के संग मुस्कानें भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,पतझड़ के संग बहारें भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,तपन के संग फुहारें भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,तूफानों के संग बयारें भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,दर्द के संग दवा भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,तड़प के संग राहतें भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,जलन के संग शीतलता भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,मझधार के संग किनारे भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में , पर्वतों के संग नदियाँ भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,सूखे के संग जलधार भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,तपते रेगिस्तान  हैं अगर ,

तो तेरी इस दुनिया में ,महासागर भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,दिल के संग दिमाग भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,दुश्मन के संग दोस्त भी हैं | 


तेरी इस दुनिया में ,ऊँचाइयों के संग गहराइयाँ भी हैं ,

तेरी इस दुनिया में ,पिंजरों की कैद के संग उड़ानें भी हैं | 


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