आरंभ
अंत के बाद ही ,आरंभ शुरु होता है ,
पेड़ों से पीले और सूखे पत्ते गिरते हैं ,
तभी तो कोमल ,हरे पत्ते निकलते हैं ||
कोई भी इमारत टूटने के बाद ही ,
उसका नव -निर्माण शुरु होता है ,
और नई इमारत बन जाती है ||
इसी तरह दोस्तों ,व्यक्ति जब ,
परिस्थिति वश टूट कर बिखर जाता है ,
तभी अपने अंतर्मन को समेट कर ,
वह मजबूती हासिल कर के ,
एक नए इंसान का रूप ले लेता है ||
दोस्तों ऐसे ही तुम भी स्वयं को ,
मजबूत और शक्तिशाली बना लो ,
जीवन में आत्मशक्ति भर कर ,
जीवन में खुशहाली के फूल खिला लो ||
No comments:
Post a Comment