ईश ही
करके किसी की मदद ,बनो किसी की खुशी का कारण ,
परेशानी दूर कर किसी की ,लाओ उसके होठों पर मुस्कान ,
यही तो आराधना है ईश की ||
आशा और विश्वास ,हमारा जीवन संवारते हैं ,
मगर हम आशा किस से करते हैं ?
और विश्वास हम किस पर करते हैं ?
यह ही हमारे लिए है महत्त्व पूर्ण ||
सब कुछ जग में हमारा है ,पराया नहीं ,
मगर जब भरोसा टूटा तो ,रिश्ता पराया ,
और जब साँसें टूटीं तो ,शरीर पराया ,
अपना तो है ,सिर्फ ईश ही ||
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