कब आओगे ?
बदरा तुम कब आओगे ,पवन के संग - संग ?
दामिनी को कब चमकाओगे ,अपने संग - संग ?
बरखा को कब मिलवाओगे ,हमरे आँगन ,हमरे आँगन ??
तुम तो हो बदरा दोस्त हमारे ,आ जाओ अपने दोस्तों संग ,
हम भी धरा के दोस्तों संग ,बुला लेते हैं अपने संग ,
हमारे पास है बगिया अपनी ,वहीं पे महफिल होगी संगीत संग ||
उस महफिल में ओ -बदरा ,तितलियाँ रंग बिखराएँगी ,
फूलों के रंगों के संग ,पंछी भी गीत सुनाएँगे ,
तेरी दामिनी की चमकन ,और कड़कन के संग -संग ||
अब बताओ जल्दी से ,कब मिलेगी तुमको फुरसत ,
और बोलो कब आओगे ,कब आओगे ??
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