हे शारदे माँ
हे शारदे माँ , हे शारदे माँ ,
मुझ को तू शब्दों का , भंडार दे माँ ||
ज्ञान की देवी , थोड़ा सा ज्ञान ,
हम को भी दे के , हमें तार दे माँ ||
लेखनी मेरी , चलती ही जाए ,
ऐसा ही कुछ तो ,चमत्कार दे माँ ||
हमारा ये शीश , झुके ना कहीं और ,
तेरा ही आशीष ,मिल जाए हम को ,
उसी से भरा ये , संसार दे माँ ||
हे शारदे माँ , हे शारदे माँ ,
हम को तू अपना , गहन प्यार दे माँ ||
No comments:
Post a Comment