Wednesday, October 28, 2020

AANEN VALIN HAIN BAHAREN ( SAMAJIK )

   आने वालीं हैं बहारें 


मौसम है आज पतझड़ का ,

चिंता मत करो यारों ,

नए फूल खिलेंगे ,

आएंगी फिर से बहारें यारों |


खुद को सुरक्षित रखो तुम,

घर में प्यार बनाओ तुम,

चिंता कुछ नहीं करो तुम,

जिंदगी भरपूर जियो तुम|


मत सोचो तुमने क्या खोया है ?

सोचो कि तुमने क्या पाया है ?

क्यों प्रकृति ने तुम्हें रुलाया है ?

क्यों वक्त ने तुम्हें सताया है ?


आज वक्त का सम्मान करो तुम यारों ,

आज तो प्रकृति से जुड़ जाओ तुम यारों ,

प्यार से परिवार खुश कर जाओ तुम यारों ,

तभी तो पाओगे सभी चिंताओं से मुक्ति तुम यारों |


वक्त बीत रहा है और बीतेगा ,

नया द्वार दुनिया में खुलेगा ,

नया रास्ता दुनिया में मिलेगा ,

उसी पर तो मानव फिर चलेगा |


प्रकृति देगी बहारें फिर से तुम्हें ,

वक्त देगा ठहाके फिर से तुम्हें ,

होठों पे मुस्कराहट तुम्हारे आएगी ,

भरेगी नै सी चहचहाहट फिर से तुम्हें |


जिंदगी फिर से मुस्कुराएगी ,

मुस्कुरा के नए गीत गुनगुनाएगी ,

रुको ना उस पल का इंतज़ार करो ,

एक नै सुबह जल्दी ही आएगी ,

उसी का इंतज़ार करो ,

आने पे उसका सत्कार करो ,

द्वार खोल दो उसके लिए ,

उठो और आरती सजा लो उसके लिए |






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