Saturday, October 31, 2020

VO LADAKI ( GEET )

     वो लड़की 


कहाँ है वो लड़की ,जो घूम रही थी ,

आज़ाद होकर के ,शिखर को चूम रही थी |


तेरी गलियों में आई क्या वो ?

बहारों में खिली क्या वो ?

क्या वो फूलों को चूम रही थी ?

क्या वो तितली सी घूम रही थी ?


रिमझिम फुहारों में वो बसी थी ,

सावन के झूलों में वो फँसी थी ,

सावन के झूलों में तो वो झूल रही थी |


पतझड़ ने उसको रोका ,उसको था पुकारा ,

आज़ादी ने हाथ खींचा ,आगे को बढ़ाया ,

सावन की रिमझिम हरियाली ,

तो उसको खींच रही थी |


अपनी हिम्मत से वो बढ़ी थी ,

अपने साहस से वो चढ़ी थी ,

हारी ना वो कभी भी ,

अपनी मुस्कानों में वो खड़ी थी |




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