निंदिया में
निंदिया में तुम डूब के बच्चों ,
मीठे सपनों में खो जाओ , निंदिया में ---
मत देखो चाँद की धरती को ,
सूखी नदियों और मिट्टी को ,
चन्दा पर बसे परी - लोक को ,
ढूँढो और उसमें खो जाओ , निंदिया में --
नन्हीं - नन्हीं परियाँ उसमें ,
नए - नए खेल खिलाएँगी ,
हाथ पकड़ उन परियों का ,
गगन में भी तुम उड़ पाओ , निंदिया में ---
हर रंग के फूल खिले होंगे ,
खुशबू से भरे चमन होंगे ,
तुम भी उन फूलों जैसा ,
गुलशन अपना महकाओ , निंदिया में ---
चन्दा की चमक निराली है ,
धवल चाँदनी आली है ,
साथ में तुम नन्हें बच्चे ,
तारों के झुरमुट छू आओ , निंदिया में ----
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