एस्ट्रोनॉट
धरती के आकाश में दिखते ,
जगमग करते करोड़ों तारे ,
ये तारे सब सूरज जैसे ,
इन सब तारों का भी तो ,
सूरज जैसा सोलर सिस्टम होगा ,
हर सोलर सिस्टम में ही ,
एक ग्रह तो ऐसा होगा ,
जिस पर पृथ्वी जैसा जीवन होगा ,
मानव जैसा प्राणी भी होगा |
कितना विकास होगा उस ग्रह पर ?
क्या होगा पृथ्वी जैसा या पृथ्वी से कम ?
या होगा पृथ्वी से बहुत अधिक ?
ना जाने कोई ,ना जानें हम ,
हमसे आगे जाने वाले प्राणी ,
जब हमें मिलेंगे तो क्या बोलेंगे ?
हिंदी ,इंग्लिश ,तमिल ,तेलुगु या चीनी ,
और ना जाने कौन सी भाषा ?
भाषाएँ जब अलग -अलग हों ,
एक ही भाषा सब को आती ,
इशारों और मुस्कराहट की ,
प्यार की और दुलार की ,
किसी भी ग्रह पर रहता कोई ,
मुस्कान सभी की खिलती होगी |
सोचो कितने हैं ग्रह ऐसे ,
जिनपे जीवन खिलता होगा ,
वो प्राणी आएं पृथ्वी पर ,
तो वो एस्ट्रोनॉट कहलाएँगे ,
हम भी एस्ट्रोनॉट बनेंगे ,
जब उस ग्रह पर जाएँगे ,
वहाँ के रहने वाले हमको एस्ट्रोनॉट बुलाएँगे |
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