Friday, October 16, 2020

JAADUI GHADI ( SMALL POEM )

                  जादुई घड़ी 


एक घड़ी है मेरे पास ,बंधु है वो बिल्कुल खास ,

हर घंटे वो हँसती जाए ,कभी ना दिखती मुझे उदास |


अपने साथ सब को हँसाए,मुस्कानों के फूल खिलाए,

घर भर में खुश्बू महकाए ,बच्चे भी तो खिलखिलाएं |


चेहरा उसका बड़ा अनूठा ,देखो तुम तो कहोगे चंदा ,

साथ में आए हैं दो तारे ,मुस्काता है मंदा -मंदा |


बच्चे कहते जादुई घड़ी ,समय बताती और मुस्काती ,

हम को वो खुश कर जाती,ऐसी जादुई छड़ी घुमाती|

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