Monday, October 26, 2020

CHANDA ---- 1 ( NAACH GAGAN ME )

 चंदा ----- 1   (  नाच गगन में    )

 

झीना सा पर्दा चाँद के ,मुख पर बदरा ने डाला ,

दुनिया ने कहा चाँद तो ,बादलों में छिप गया ,

पर्दे से भला कहाँ ,छिप सकती थी चाँदनी ? 

पर्दे को भेद कर वह ,दुनिया में फ़ैल गई | 

 

पवन  पर्दे को उड़ाया ,तो चाँद उजलाया ,

दुनिया मुस्काई कि ,चाँद निकल आया ,

चाँदनी की चमक ने ,दुनिया को चमकाया ,

दुनिया की मुस्कान देख ,चाँद भी मुस्काया | 

 

झीने -झीने से बदरा ने ,पवन को साथ मिलाया ,

पवन ने बदरा से मिल ,गगन में खेल दिखाया ,

चाँदनी ने भी खेल खेला ,दुनिया को उजलाया , 

सभी ने मिलकर इस सारी ,दुनिया को मुस्काया | 


चाँद ,चाँदनी ,बदरा ,पवन ,सब ही मिलकर खेले ,

तभी तारे गगन में छाए ,लेके मुस्कानों के मेले ,

सारे तारों ने मिलकर ,इन चारों को घेरा ,

टिम -टिम ,टिम -टिम करते ,तारों ने डाला डेरा | 

 

एक साथ फिर खेले सब ही,गगन साथ मुस्काया ,

उसने अपने आँगन में , सभी को साथ नचाया ,

साथ में गगन ने ,मधुर गीत गाया -------- ,

"टिम -टिम तारे आओ ,नाचो और गाओ ,

अपने साथ में तुम ,सारी दुनिया को नचाओ | "

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