Tuesday, September 30, 2025

NADII - SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                          नदी - सागर 

 

हिम पिघला तो जलधार  बनी , जलधार ने रूप बदला ,

नदिया दौड़ी मीठा जल लेके , जाकर मिल गई सागर में ,

सागर ने गले लगाया उसको , जल नमकीन बनाया उसका ,

साथ ही नदिया को उसने , रत्नों की खान बनाया   || 

 

नदिया ना बना सकी सागर के  पानी को मीठा ,

नदिया थी छोटी , बहुत छोटी , सागर था विशालकाय ,

अतुल जल का भंडार ,रत्नों का आकर ,मगर फिर भी नमकीन  || 

 

नदिया तो प्यास बुझाती सबकी , फसलों को हरा - भरा कर देती ,

सागर ना कर पाया ये सब , जल का अतुल भंडार होकर भी , 

ना प्यास बुझा पाए किसी की , ना फसल ही लहरा पाए   || 

 

Sunday, September 28, 2025

AASHISH DO ( AADHYAATMIK )

 

                               आशीष दो 

 

शिव - शंकर हो तुम , भोले नाथ हो तुम ,

 महेश्वर हो तुम  , गौरा पति हो तुम ,

कैलाश के निवासी , कभी तो उतरो धरा पर ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

धरा तरसती तुम्हारे , चरणों की धूलि पाने ,

उसे माथ पर लगाने , उसे माथ पर लगाने ,

आओ , आओ ,अपनी चरण - धूलि  दो तुम ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

आशीष को तुम्हारे , जन - जन है तरसता ,

एक छवि पाने को , हर भक्त है तरसता ,

 आओ , आओ अपनी , छवि तो दिखलाओ तुम ,

आशीष  दो ,आशीष दो , अपने भक्तों को तुम   || 

 

डमरु की आवाज हो ,गंगा तुम्हारे साथ हो ,

परिवार साथ लाओ , दर्शन हमें दे जाओ  ,

आओ ,आओ अपने , दर्शन तो दे जाओ तुम  ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

Saturday, September 27, 2025

ROOP TUMHARAA ( GEET )

 

                        रूप  तुम्हारा 

 

रूप तुम्हारा आँखों से पी लूँ ,

तुम जो कहो तो मर के भी जी लूँ  || 

 

कितने सुंदर बोल गीतकार के , 

अब आगे के बोल मेरे  ---- ,

चटखीं हैं कलियाँ , अपने चमन में ,

फैली है खुश्बु , अपने सहन में ,

तुम जो कहो तो , खुश्बु  मैं भेजूँ  ---- || 

 

छाए हैं बदरा , ऊपर गगन   में ,

बरसी है बरखा , अपने आँगन में ,

तुम जो कहो तो , रिमझिम मैं भेजूँ  ---- || 

 

चंदा है चमका , ऊँचे गगन में ,

फैली चंदनिया है , धरती गगन में  ,

तुम जो कहो तो , चाँदनी भेजूँ  ----  || 

 

Friday, September 26, 2025

MOD RAAHON KEY ( JIVAN )

 

                       मोड़ राहों के 

 

जिंदगी की राहों में चलते - चलते ,

कुछ पा लिया , कुछ खो गया ,

जो पा लिया ,उसने रोशन किया ,हमारे जीवन को ,

मगर जो खो गया ,उसकी कीमत ,

नहीं जान सके शुरु में हम , 

जब खो दिया उसको ,तो कीमत का पता चला हमको || 

 

हर राह अलग होती , हर मोड़ अलग होता ,

हर राह में अलग पाना , अलग खोना ,

हर मोड़ पर भी अलग पाना ,अलग खोना ,

यही तो जीवन की , सच्ची कहानी बनती है  || 

 

जो हमारे ही कर्मों , और हिम्मत से बनती है ,

चलो हिम्मत जुटा लें , कुछ कर्म कर लें ,

तभी तो जीवन की , सुंदर कहानी बनती है  || 

 

Thursday, September 25, 2025

SHURUAAT ( JIVAN )

 

                                    शुरुआत 

 

दूजों के दर्द समझो ,या ना समझो , कोई बात नहीं ,

दूजों की मदद करो , या ना करो , कोई बात नहीं ,

दूजों से मीठा बोलो , या ना बोलो , कोई बात नहीं ,

दूजों से कड़वा ना बोलो ,

उनकी परेशानियाँ और दर्द बढ़ाओ मत  || 

 

यही सीधा और सरल रास्ता है , जिंदगी बिताने का ,

 तो यही रास्ता अपना लो दोस्तों , इसी पर चलते जाओ ,

दूजों की नहीं तो , अपनी मुस्कानें तो बढ़ाओ ,

तुम्हारी मुस्कान से ही , दुनिया मुस्कुराएगी  || 

 

तो दोस्तों , मुस्कुरा दो दुनिया को , 

सबके जीवन को दोस्तों ,

सभी के जीवन में खिलखिलाहटें भर दो ,

तो जल्दी से शुरुआत करो दोस्तों   || 

 

Wednesday, September 24, 2025

CHAMAN ( KSHANIKAA )

 

                                         चमन 

 

अपनों से अपनापन ना मिले , तो भी मुस्कुराते रहिए ,

जिंदगी की जंग तो , मुस्कुराकर ही जीती जाएगी दोस्तों  || 

 

किसी की कड़वी बातों को , दिल में मत बसाइए ,

दिल में बसने वाली कड़वी बातों से ,

चेहरे की रौनक चली जाएगी दोस्तों  ||  

 

किसी  के कड़वे बोलों का  , कड़वा घूँट निगल जाइए ,

तभी तो दोस्तों आपकी जिंदगी , 

एक सुंदर सी मुस्कराहट बन पाएगी  || 

 

जो तुमसे प्यार करते हैं , उनका साथ बनाए रखिए ,

वही तो तुम्हारे अपने हैं ,

उन्हीं से जिंदगी अपनापन पाएगी दोस्तों  || 

 

किसी की मुस्कान का , खुद  को कारण तो बनाइए ,

तभी तो तुम्हारी जिंदगी ,

महकता हुआ चमन बन जाएगी दोस्तों   || 

 

Tuesday, September 23, 2025

PADHAAI ( KSHANIKAA )

   

                                   पढ़ाई 

 

जिंदगी के विद्यालय में , बहुत कुछ पढ़ लिया है दोस्तों ,

कुछ तो विद्यालय में सीखा , कुछ पढ़ा रिश्तों में ,

जमा ( + ) ,घटा  ( - ) , गुणा  ( x ) और भाग  ( -:- )  , 

पढ़ाए गुरुओं ने , गुरुओं का था अलग तरीका , अलग ही उत्तर ,

मगर रिश्तों ने सिखाया ,जो था बिल्कुल अलग दोस्तों  || 

 

गुरुओं के अनुसार , जमा और गुणा करने में ,

हम सीढ़ी चढ़ जाते थे ,

सीढ़ी उतरना था , घटा और भाग करने में दोस्तों ,

मगर रिश्तों ने , हर जगह ही हमें सीढ़ी से उतार दिया ,

हमें समझ नहीं आया , कि हम कहाँ सही थे ? कहाँ गलत  ?? 

 

Monday, September 22, 2025

AAENGEY ( KSHANIKAA )

 

                           आएँगे  

 

ये है दोस्तों की महफिल , खिलखिलाहटों की महफिल ,

कहकहों की नदिया में तैरती , मुस्कानों को समेटती ,

हमारी अपनी कश्ती , जिसमें पतवार थी दोस्ती की ,

जो नफरत की मँझधार से , कश्ती को थी बचाती   || 

 

आ जाओ तुम सभी दोस्तों , बैठो मेरी कश्ती में ,

मुस्कुराहटें बिखरेंगी , गीत सजेंगे , कहकहे लगेंगे ,

तभी तो जीवन सुंदर बनेगा , जग मुस्कुराहटों से महकेगा  || 

 

 समय को वापस लौटा सको तो,दोस्तों को साथ ला सको तो , 

कहकहों का सहारा लो , आवाजों को ऊँचा करो ,

बार - बार पुकारोगे तो , सभी दोस्त आएँगे ,दोस्त आएँगे  || 

 

Saturday, September 20, 2025

EIK MUTTHI AASMAAN ( GEET )

 

                           एक मुट्ठी आसमान 

 

हर कोई चाहता है , एक मुट्ठी आसमान ,

एक नन्हीं सी मुस्कान , 

अपनी बाहों में भरना , पूरा आसमान ,आँखों में चमकान ,  

अपने पंखों से उड़कर , छूना आसमान ,

बच्चों सी चमकती किलकान   || 

 

तारों को भरना , अपने आँचल में , उस में हो चमकान ,

पवन उड़ाएगी , जब मेरा आँचल ,

उसमें आएगी पवन की उड़ान , पवन संग डोलेगा ,

जब मेरा आँचल , लेकर पवन की उड़ान  || 

 

बोल जब निकलेंगे , मेरे होठों से , मीठे बोलों की मुस्कान ,

उन मीठे बोलों से मिल , गीत बन जाएँगे , 

होठों फैलाएँगे मुस्कान , उन्हीं गीतों की ,

गुनगुनाहट से , दिल भी पाएँगे मीठी मुस्कान   || 

 

Friday, September 19, 2025

BRAHMAAND ( KSHANIKAA )

 

                         ब्रह्मांड 

 

बनाया ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड , अनगिनत गोले उसमें छोड़े ,

शक्ति  से भरे  हुए गोले , दूर जा - जाकर वो घूमे ,

केंद्र बन गए वो सब गोले , चारों तरफ और भी गोले घूमे ,

आग के गोले थे ये सब , शक्ति के पुंज थे ये गोले   || 

 

और कुछ - कुछ गोले आए , इनके चारों तरफ घूमे ,

 इन्हीं गोलों में  से कुछ पर  , सृजन हार ने जीवन उपजाया ,

हमारी धरा है एक वही गोला , जिस पर हम - तुम हैं बंधु  || 

 

मानव - मस्तिष्क में ज्ञान भरा , जिससे  जुटाईं सुविधा मानव ने  ,

धरा के चारों ओर घूमते , चाँद पे मानव पहुँच गया ,

धरा चक्कर जिस सूर्य  का  , लगा रही उसको जान गया  ,

कदम - दर - कदम मानव बढ़ता जा रहा , 

ब्रह्मांड के कुछ राज जान गया ,

ब्रह्मांड में हस्तक्षेप भी किया , ब्रह्मांड में गूँजता नाद भी सुना  ,

क्या ब्रह्मांड की सारी , शक्ति को जान पाएगा मानव   ?? 

 

Thursday, September 18, 2025

JIVAN KAA SAAR ( SAMAJIK )

 

                        जीवन का सार 

 

शिक्षा मिलती हर कदम , कदम अपने बढ़ाओ तो ,

कदम के नीचे की मिट्टी , देती कदमों को सहारा ,

ना हो मिट्टी , तो फिसल जाओगे तुम  || 

 

छोटी - छोटी  घास भी , मिट्टी को सहारा देती ,

मिट्टी नहीं हो तो , घास नहीं उगेगी ,

घास नहीं होगी , तो मिट्टी बह जाएगी ,

यही तो जीवन का , सार है दोस्तों  || 

 

प्रकृति हमारे , जीवन का आधार है ,

हमारी साँसों के लिए , वायु चाहिए , 

साफ व  शुद्ध वायु , पेड़ों से मिलती है ,

हमें पेड़ लगा कर  , प्रकृति को बचाना चाहिए ,

पेड़ों से ही , जीवन - यापन के लिए ,

सभी कुछ मिलता है , तो हमें पेड़ लगाने चाहिए  || 

 

तो आओ दोस्तों , हम प्रकृति का दोस्त बन जाते हैं ,

पेड़ लगा कर प्रकृति को बचाते हैं ,

धरा के वातावरण को , स्वच्छ और सुंदर बनाते हैं ,

तो फिर देर किस बात की  ?

मिलकर धरा से मिले हुए , खजाने के लिए धरा का ,

धन्यवाद करते हुए , अपने कार्य में जुट जाते हैं ,

और पेड़ लगाते हैं , पेड़ लगाते हैं  || 

 

Wednesday, September 17, 2025

SAANSEN ( JIVAN )

 

                               साँसें 

 

हमारे बोलों पे लगा कर ताले , 

चाबी किसी ने चुरा ली यारों ,

अब क्या बोलें हम यारों  ?

कर सको अगर तुम कोशिश ,

दिखा सको गर कोई रास्ता हमको  ?तो दिखा दो यारों   || 

 

बोल तो हमारे दब गए यारों ,

पिंजरे में कैद होकर के ,

उन दूजों की चिल्लाहट में ,

और हमारी चुप्पी में ,

समय तो चलता जाता है यारों , अपनी रवानगी में   || 

 

समय के साथ ही जिंदगी भी ,

बहती जाती है यारों ,

जो समय हमें मिला है जीने के लिए , 

वह तो चलेगा ही यारों  ,

उसी के साथ - साथ हमारी , साँसें भी चलेंगी यारों  || 

 

Tuesday, September 16, 2025

MERI BAARII ( AADHYAATMIK )

 

                                मेरी बारी 

 

आज इस संसार में , हम तो जैसे खड़े हैं एक पंक्ति में ,

कब सपने पूरे होंगे ? जो हमने सोते - जागते देखे  ,

कब मुस्कानें होठों पर सजेंगी ? दोस्तों के साथ में    ||  

 

सपनों को पूरा करने के लिए , मेहनत भी की हमने ,

मुस्कानें सजाने के लिए , कोशिशें भी कीं हमने  ,

मगर अभी तक तो हम , कर ना पाए कुछ भी  || 

 

कान्हा तुम सब का साथ , देते हो ना बोलो ,

तो मेरी बारी कब की है  ?  बोलो , बोलो , बताओ ना ,

जल्दी से मेरी बारी लाओ ना   || 

 

Monday, September 15, 2025

MITHAAS APNEPAN KII ( KSHANIKAA )

 

                 मिठास अपनेपन की 

 

जिंदगी छोटी है दोस्तों , मुस्कानों में गुजार लो  ,

कीमत इसकी ना , किसी से उधार लो ,

रंगों से अपना जीवन , संवार लो ,

कभी - कभी तो सभी दोस्तों को , पुकार लो   || 

 

जिंदगी में दोस्त , पास रहें या दूर ,

कोई फर्क नहीं , पड़ता है हुजूर  ,

मिलते रहें  या , लंबे समय तक ना मिलें  ,

 अहसास कायम रहना चाहिए जरूर , यही जिंदगी है  || 

 

छोटी सी जिंदगी में , कड़वाहट ना आए कभी ,

अपनेपन की मिठास को , जिंदगी में घोले रखना ,

पूरी जिंदगी में इसी मिठास से ,

होठों पर मुस्कानें खिली रहेंगी  ,

तभी तो जिंदगी भी , मुस्कुराएगी , खिलखिलाएगी जरूर   || 

 

Sunday, September 14, 2025

PYAAR KE FOOL ( JIVAN )

 

                                 प्यार के फूल  

 

जिंदगी एक गुलदस्ता है , 

जिसमें कई तरह के फूल सजे हैं  , 

कुछ फूल प्यार  के हैं , जो जिंदगी को महकाते हैं ,

कुछ फूल विश्वास के हैं , जो जिंदगी को चहकाते हैं ,

आपने कौन से फूल , सजाए हैं दोस्तों  ??

 

आपने तो बहुत से फूल , 

तमन्नाओं के सजा लिए दोस्तों  ,

उनसे तो गुलदस्ता जिंदगी का , महक नहीं पाएगा ,

उनसे तो गुलदस्ता जिंदगी का ,अपनी राह भटक जाएगा , 

तो ले आओ उसे , सही राह पर दोस्तों   || 

 

दिन में एक बार ,अपने दिल में झाँक कर जरूर देखो ,

तब तुम जान पाओगे , दिल  में  क्या  सजा है दोस्तों   ?

दिल कभी गलत नहीं कहता , दिल सही फैसला लेता है दोस्तों ,

तो मानो दिल की  , प्यार और विश्वास में डूब जाओ दोस्तों   || 

 

Saturday, September 13, 2025

JAAN HAI HINDI ( DESH )

 

                          जान है हिंदी 

हिंदी दिवस की सभी को बधाई ---- 

 

हरियाली से लहलहाता भारत ,

खिलती हुई होठों की मुस्कान , 

सभी के दिल नाच उठे , सुन करके हिंदी की तान   || 

 

हिंदी नहीं है केवल भाषा एक , 

ये है सबके दिलों का गान ,

रुको दोस्तों ,सोचो और समझो ,बढ़ा लो हिंदी का मान  || 

 

भारत - माता के माथे की बिंदी ,हिंदी है भई हिंदी ,

जीवन भर की  सारी खुशियाँ , लाएगी दिल में हिंदी  || 

 

दिल में हिंदी ,जीवन में हिंदी , घर - आँगन में हिंदी ,

शहर - शहर में हिंदी , पूरे देश में हिंदी ,

सबकी जान है हिंदी , सबकी जान है हिंदी  || 

 

Friday, September 12, 2025

AHSAAS ( JIVAN )

 

                       अहसास 

 

जिंदगी सादी और सच्ची है , तो क्या लाभ है  ?

सजावट की जरूरत नहीं है दोस्तों  ,

जिंदगी में कर्म कर रहे हो तुम ,

दूसरों की मुस्कान के लिए , यही  कर्म है दोस्तों ,

सत्कर्मों से ही ईश्वर प्रसन्न होंगे , 

और तुम्हें आशीर्वाद देंगे दोस्तों   || 

 

राज मत रखो दुनिया से , 

कि तुम्हारे दोस्त ही  , ना बन पाएँ  दोस्तों ,

मगर खुली किताब भी , ना बन जाओ दोस्तों  ,

कि पढ़ कर सब रद्दी में डाल दें दोस्तों   || 

 

कुछ अहसास जमा कर लो दोस्तों ,

यही तो सच्ची और अच्छी यादें हैं  ,

दिल में अहसास मीठे होंगे ,

तो दिल शांत और सुंदर रहेगा ,

जिंदगी सुखपूर्वक ही बीत जाएगी , 

मुस्कानें खिल जाएँगी ,

तो उन मुस्कानों को खिला लो दोस्तों   || 

 

Thursday, September 11, 2025

JINDGII ? ( KSHANIKAA )

 

                            जिंदगी  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ? 

दिल के गम को छिपाती मुस्कान  ?

आँसू में नहाती हुई मुस्कान  ? गमों में डूबे गीतों की तान  ? 

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ?

चमन में खिला एक फूल  ?

फूलों से बहती हुई महक ? इन्हीं महकों से महकता हुआ जहां  ?

 

 जिंदगी क्या है  दोस्तों   ?

बहती हुई शीतल पवन  ? 

मेघों को साथ लाती हुई पवन  ? या आँधी बन सब कुछ उड़ाती  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों  ? 

जल - कणों  से   भरी बदली ?

रिमझिम बरखा बरसाती बदली ? मूसलाधार बारिश लाती बदली  ?

 

Wednesday, September 10, 2025

ANTAR ( HRIDAY ) (JIVAN )

 

                          अंतर  ( ह्रदय  )

 

ज्ञान का अर्थ क्या है  ? सभी तरह की जानकारी होना ,

सारी जानकारी ग्रहण करना ही , ज्ञानी नहीं बना देता ,

कुछ नजर - अंदाज करने पर भी , इंसान ज्ञानी बनता है ,

ज्ञान का यही अर्थ है दोस्तों   || 

 

अपने अंतर को , अपनी  सोच को , स्वच्छ और स्वस्थ रखो ,

तभी तो पूर्ण स्वास्थ्य पाओगे दोस्तों  ,

सोच और अंतर सुंदर होगा , तभी तो सुंदर जीवन होगा ,

नदिया और सागर में कश्तियाँ ,

 अंदर के पानी से ही डूबती हैं दोस्तों ,

यदि सोच और अंतर सुंदर नहीं ,

 हमारा जीवन कभी सुंदर नहीं होगा दोस्तों   || 

 

कोई भी रिश्ता बनाते हुए , धीरे - धीरे कदम बढ़ाओ ,

धीरे से पनपते रिश्ते ही , सुंदर बन जाते हैं दोस्तों  || 

 

Tuesday, September 9, 2025

VAKT KII CHAAL ( JIVAN )

 

                      वक्त की चाल 

 

वक्त चल रहा है दोस्तों  ,  अपनी निश्चित चाल से ,

ना बहुत तेज , ना बहुत धीरे , बस वक्त रुकता नहीं है ,

कोई भी वक्त को , रोक नहीं सकता है दोस्तों   || 

 

क्या आपने कोशिश की है दोस्तों  ? 

वक्त को रोकने की , क्या आप सफल हुए  ? 

नहीं ना , कोई सफल नहीं हो सकता ,

ईश्वर जो इस दुनिया के रचेता हैं , और इसे चलाते हैं ,

वह भी वक्त की , गति को नहीं रोक सकते   || 

 

तो चलने देते हैं , वक्त की उसी चाल को ,

जिस चाल से वह चल रहा है , चलिए उसी चाल से ,

हम भी उसी चाल से , चलने  कोशिश करते हैं ,

हो सकता है हमारी कोशिश ,कामयाब हो जाए दोस्तों ,

और हम वक्त के साथ - साथ बिना थके चल पाएँ   || 

 

Monday, September 8, 2025

HAMAARAA AAJ ( JIVAN )

 

                               हमारा  आज 

 

तुमने जो पुकारा हमको , हम चले आए ,

हमारे जीवन में तुमने , बहुत फूल खिलाए ,

वो फूल हमारे जीवन को , खुश्बुओं से महकाएँ ,

तभी तो हम भी दोस्तों , हरदम मुस्कुराएँ  || 

 

ईश्वर के दिए जीवन को , हम प्यार से बिताएँ ,

दोस्तों  संग महफिल में , मिल के खिलखिलाएँ  ,

दुनिया के सभी रंगों  को  , जीवन में उतार पाएँ  ,

उसी प्यार की गठरी को हम , लेकर महफिल में आए  || 

 

कर्म हम हरदम करते ,मुस्कानों को एकत्र करके ,

दिल में उन सभी को भरके , हम आज आ गए ,

प्यार में डूबते - डूबते ही , हम  आज आ गए   || 

 

Sunday, September 7, 2025

EIKAAGRATAA ( KSHANIKAA )

 

                                      एकाग्रता 

 

कौन समझ सकता है , सच और झूठ को अलग - अलग  ?

अपनी आँखें बंद करके , अंदर तो झाँक लो यारों ,

दूसरे की भावनाओं और शब्दों , को अलग तो रख लो यारों  ||  

 

सफलता की पोशाक , आसानी  से नहीं मिल सकती ,

उस  पोशाक को पाने के लिए  ,कड़ी मेहनत चाहिए ,

इसलिए मेहनत करने में , पूरी शक्ति लगा दो यारों   || 

 

जिंदगी की राह में , रोशनी हो या अँधेरा ,

चलते - चलते राहों पर , बढ़ चलो और ,

इसी तरह तुम अपनी - अपनी , मंजिल को पा जाओ यारों  || 

 

सही निशाना साधने के लिए , एकाग्रता जरूरी है ,

अर्जुन की तरह , निशाना तो लगाओ यारों ,

और हर सफलता , पा जाओ यारों   || 

 

Saturday, September 6, 2025

AGALEY BARAS FIR ( AADHYAATMIK )

 

                     अगले बरस फिर 

 

गणपति बप्पा आए , बहुत सी खुशियाँ लाए ,

सभी के होठों पर , मुस्कानें वो लाए ,

सभी पर तो उन्होंने , आशीर्वाद बरसाए ,

सभी ने बप्पा के लिए , सुंदर पंडाल सजाए   || 

 

भक्तों ने बप्पा पर , भक्ति - भाव बरसाए ,

भक्तों ने बप्पा को , मोदक के भोग लगाए ,

बप्पा  का  मनोरंजन करने , भिन्न प्रोग्राम कराए ,

सबको देख - देख कर , बप्पा भी मुस्काए   || 

 

समय बीतता गया , बप्पा चल दिए अपने धाम ,

बप्पा के जाने से ,आँखों में आँसू आए  ,

साथ ही गगन के बदरा ने भी ,  खूब ही जल बरसाए ,

मत शोक मनाओ दोस्तों ,बप्पा अगले बरस फिर आएँगे ,

बप्पा आएँगे ,  बप्पा आएँगे  || 

 

Friday, September 5, 2025

BADLAAV KEY LIEY ( JIVAN )

 

                              बदलाव के लिए 

 

रंग जिंदगी के बदल गए हैं , मुस्कानें खो गईं हैं ,

फीका सा रंग आ गया है , चटकीले रंग धुल गए हैं  ,

खिलखिलाहटें दब गईं हैं , दोस्त दूर हो गए हैं   || 

 

रीता हो गया है दिल का प्याला ,

कोई सोच बाकी नहीं है ,

धड़कनें धीमी - धीमी राह पर हैं ,

 कोई भी चाह नहीं है ,

रिश्तों की आहटें गुम हो गईं हैं , 

कोई रिश्ता मीठा नहीं है   || 

 

कोई उपाय तो होगा , इस सबको बदलने का ,

कोई राह तो होगी , आगे बढ़ने के लिए ,

तो चलो कोशिश करते हैं , बदलाव के लिए   || 

 

Thursday, September 4, 2025

CHAMAK ( CHANDRAMAA )

 

                             चमक 

 

आ री चंदनिया नीचे उतर कर , छिप जा मेरे आँचल में ,

मेरा आँचल छिपा तो लेगा तुझे , 

पर तेरी चमक तो छनकर बाहर आएगी , 

चमक देगी सारे जग को , भेद को खोल ही जाएगी   || 

 

चंदनिया तू तो चाँद की है प्यारी , चमक है तेरी न्यारी  ,

आ जा उतर आ नीचे , रहेंगे मिल के हम साथ - साथ ,

तू मुस्कानें बिखरा कर , चमकाना सारे जग को  || 

 

गगन से उतरती जब नीचे , धरा भी तो मुस्का जाती ,

मानो पूरी धरा भी , चाँदी सी चमक में नहा जाती ,

तभी तो धरा भी तेरे , समान ही चमक पा जाती    || 

 

Wednesday, September 3, 2025

RISHTEY ( JIVAN )

 

                                    रिश्ते 

 

रिश्तों की संख्या बढ़ाने की , क्या जरूरत है दोस्तों   ?

रिश्ते कुछ कम हों , मगर गहरे हों , ऐसा सोचियेगा  ,

ऐसे ही चाय से कप पूरा ना भरा हो , तो कोई बात नहीं  ,

मगर चाय कड़क और गर्म हो , तभी स्वाद मिलेगा   || 

 

सबसे सुंदर रिश्ता तो , दोस्ती का है दोस्तों  ,

उसे ही प्यार से , सजाए रखो दोस्तों  ,

जिंदगी में दोस्त को ही , हम चुन सकते हैं ,

यही ईश्वर की , दी हुई नियामत है  || 

 

सच्चे दिल से बनाए रिश्ते तुम ,

सच्चे दिल से सजाए रखिए ,

तभी रिश्तों की गाड़ी , सरलता से चलती जाएगी  || 

 

Tuesday, September 2, 2025

NAJAARAA SAAVAN KAA ( JALAD AA )

 

                               नजारा  सावन  का 

 

सावन का महीना , रिमझिम - रिमझिम बरखा आई ,

पवन अपने संग , बदरा को उड़ाकर लाई  ,

घन - घन करते बदरा के बीच , दामिनी की चमकार आई ,

घनघोर ,मूसलाधार बरखा से , राहों में नदिया बह आई   || 

 

बचपन के पैर बढ़े , दौड़े  पहुँचे उस धारा में ,

बनीं कश्तियाँ कागज की , खूब ही बच्चों ने तैराईं  ,

गगना में उड़ते बदरा ने , जब यह नजारा देखा ,

तो खुशी से उसने बरखा की , गति और बढ़ाई   || 

 

बदरा की खुशी में गगना ने भी , अपने अँगना में खुशी मनाई ,

दामिनी की कड़क यूँ सुनाई दी , मानो बज उठी हो शहनाई ,

ये सावन का नजारा है भई , सावन का नजारा है भई   || 

 

Monday, September 1, 2025

ADHOORAA PYAAR ( AADHYAATMIK )

 

                         अधूरा प्यार 

 

प्यार हर किसी का पूरा नहीं होता ,

अधूरे प्यार की कहानियाँ , आज हम सुनाते हैं , 

राधा और कृष्ण का प्यार रहा अधूरा था ,

दोनों ही एक दूसरे को पा नहीं सके ,

जब विधाता का ये हाल है , तो हम क्या हैं दोस्तों  || 

 

बहुत से मानव अपने प्यार को ,

अधूरा छोड़कर ही दुनिया से चले गए ,

हम क्या उनका नाम लें  ?

राम और सीता के जीवन की ,कहानी सभी को पता है ,

दोनों ही अलग - अलग , प्यार की आग में झुलसते रहे ,

सीता ने अंत  किया धरती में समा कर ,

देवों के इस हाल से , हम क्या सीख  सकते हैं दोस्तों  ?? 

 

हम भी प्यार के सागर में डूबे हैं दोस्तों ,

हमारा प्यार अधूरा तो नहीं है दोस्तों ,

पर क्या ये अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा  ?

या नहीं करेगा   ?  कौन देगा जवाब दोस्तों   ??