पढ़ाई
जिंदगी के विद्यालय में , बहुत कुछ पढ़ लिया है दोस्तों ,
कुछ तो विद्यालय में सीखा , कुछ पढ़ा रिश्तों में ,
जमा ( + ) ,घटा ( - ) , गुणा ( x ) और भाग ( -:- ) ,
पढ़ाए गुरुओं ने , गुरुओं का था अलग तरीका , अलग ही उत्तर ,
मगर रिश्तों ने सिखाया ,जो था बिल्कुल अलग दोस्तों ||
गुरुओं के अनुसार , जमा और गुणा करने में ,
हम सीढ़ी चढ़ जाते थे ,
सीढ़ी उतरना था , घटा और भाग करने में दोस्तों ,
मगर रिश्तों ने , हर जगह ही हमें सीढ़ी से उतार दिया ,
हमें समझ नहीं आया , कि हम कहाँ सही थे ? कहाँ गलत ??
No comments:
Post a Comment