Monday, September 22, 2025

AAENGEY ( KSHANIKAA )

 

                           आएँगे  

 

ये है दोस्तों की महफिल , खिलखिलाहटों की महफिल ,

कहकहों की नदिया में तैरती , मुस्कानों को समेटती ,

हमारी अपनी कश्ती , जिसमें पतवार थी दोस्ती की ,

जो नफरत की मँझधार से , कश्ती को थी बचाती   || 

 

आ जाओ तुम सभी दोस्तों , बैठो मेरी कश्ती में ,

मुस्कुराहटें बिखरेंगी , गीत सजेंगे , कहकहे लगेंगे ,

तभी तो जीवन सुंदर बनेगा , जग मुस्कुराहटों से महकेगा  || 

 

 समय को वापस लौटा सको तो,दोस्तों को साथ ला सको तो , 

कहकहों का सहारा लो , आवाजों को ऊँचा करो ,

बार - बार पुकारोगे तो , सभी दोस्त आएँगे ,दोस्त आएँगे  || 

 

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