आशीष दो
शिव - शंकर हो तुम , भोले नाथ हो तुम ,
महेश्वर हो तुम , गौरा पति हो तुम ,
कैलाश के निवासी , कभी तो उतरो धरा पर ,
आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम ||
धरा तरसती तुम्हारे , चरणों की धूलि पाने ,
उसे माथ पर लगाने , उसे माथ पर लगाने ,
आओ , आओ ,अपनी चरण - धूलि दो तुम ,
आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम ||
आशीष को तुम्हारे , जन - जन है तरसता ,
एक छवि पाने को , हर भक्त है तरसता ,
आओ , आओ अपनी , छवि तो दिखलाओ तुम ,
आशीष दो ,आशीष दो , अपने भक्तों को तुम ||
डमरु की आवाज हो ,गंगा तुम्हारे साथ हो ,
परिवार साथ लाओ , दर्शन हमें दे जाओ ,
आओ ,आओ अपने , दर्शन तो दे जाओ तुम ,
आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम ||
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