Sunday, September 28, 2025

AASHISH DO ( AADHYAATMIK )

 

                               आशीष दो 

 

शिव - शंकर हो तुम , भोले नाथ हो तुम ,

 महेश्वर हो तुम  , गौरा पति हो तुम ,

कैलाश के निवासी , कभी तो उतरो धरा पर ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

धरा तरसती तुम्हारे , चरणों की धूलि पाने ,

उसे माथ पर लगाने , उसे माथ पर लगाने ,

आओ , आओ ,अपनी चरण - धूलि  दो तुम ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

आशीष को तुम्हारे , जन - जन है तरसता ,

एक छवि पाने को , हर भक्त है तरसता ,

 आओ , आओ अपनी , छवि तो दिखलाओ तुम ,

आशीष  दो ,आशीष दो , अपने भक्तों को तुम   || 

 

डमरु की आवाज हो ,गंगा तुम्हारे साथ हो ,

परिवार साथ लाओ , दर्शन हमें दे जाओ  ,

आओ ,आओ अपने , दर्शन तो दे जाओ तुम  ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

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