मेरी बारी
आज इस संसार में , हम तो जैसे खड़े हैं एक पंक्ति में ,
कब सपने पूरे होंगे ? जो हमने सोते - जागते देखे ,
कब मुस्कानें होठों पर सजेंगी ? दोस्तों के साथ में ||
सपनों को पूरा करने के लिए , मेहनत भी की हमने ,
मुस्कानें सजाने के लिए , कोशिशें भी कीं हमने ,
मगर अभी तक तो हम , कर ना पाए कुछ भी ||
कान्हा तुम सब का साथ , देते हो ना बोलो ,
तो मेरी बारी कब की है ? बोलो , बोलो , बताओ ना ,
जल्दी से मेरी बारी लाओ ना ||
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