Thursday, September 11, 2025

JINDGII ? ( KSHANIKAA )

 

                            जिंदगी  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ? 

दिल के गम को छिपाती मुस्कान  ?

आँसू में नहाती हुई मुस्कान  ? गमों में डूबे गीतों की तान  ? 

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ?

चमन में खिला एक फूल  ?

फूलों से बहती हुई महक ? इन्हीं महकों से महकता हुआ जहां  ?

 

 जिंदगी क्या है  दोस्तों   ?

बहती हुई शीतल पवन  ? 

मेघों को साथ लाती हुई पवन  ? या आँधी बन सब कुछ उड़ाती  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों  ? 

जल - कणों  से   भरी बदली ?

रिमझिम बरखा बरसाती बदली ? मूसलाधार बारिश लाती बदली  ?

 

No comments:

Post a Comment