रूप तुम्हारा
रूप तुम्हारा आँखों से पी लूँ ,
तुम जो कहो तो मर के भी जी लूँ ||
कितने सुंदर बोल गीतकार के ,
अब आगे के बोल मेरे ---- ,
चटखीं हैं कलियाँ , अपने चमन में ,
फैली है खुश्बु , अपने सहन में ,
तुम जो कहो तो , खुश्बु मैं भेजूँ ---- ||
छाए हैं बदरा , ऊपर गगन में ,
बरसी है बरखा , अपने आँगन में ,
तुम जो कहो तो , रिमझिम मैं भेजूँ ---- ||
चंदा है चमका , ऊँचे गगन में ,
फैली चंदनिया है , धरती गगन में ,
तुम जो कहो तो , चाँदनी भेजूँ ---- ||
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