Saturday, September 27, 2025

ROOP TUMHARAA ( GEET )

 

                        रूप  तुम्हारा 

 

रूप तुम्हारा आँखों से पी लूँ ,

तुम जो कहो तो मर के भी जी लूँ  || 

 

कितने सुंदर बोल गीतकार के , 

अब आगे के बोल मेरे  ---- ,

चटखीं हैं कलियाँ , अपने चमन में ,

फैली है खुश्बु , अपने सहन में ,

तुम जो कहो तो , खुश्बु  मैं भेजूँ  ---- || 

 

छाए हैं बदरा , ऊपर गगन   में ,

बरसी है बरखा , अपने आँगन में ,

तुम जो कहो तो , रिमझिम मैं भेजूँ  ---- || 

 

चंदा है चमका , ऊँचे गगन में ,

फैली चंदनिया है , धरती गगन में  ,

तुम जो कहो तो , चाँदनी भेजूँ  ----  || 

 

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