वक्त की चाल
वक्त चल रहा है दोस्तों , अपनी निश्चित चाल से ,
ना बहुत तेज , ना बहुत धीरे , बस वक्त रुकता नहीं है ,
कोई भी वक्त को , रोक नहीं सकता है दोस्तों ||
क्या आपने कोशिश की है दोस्तों ?
वक्त को रोकने की , क्या आप सफल हुए ?
नहीं ना , कोई सफल नहीं हो सकता ,
ईश्वर जो इस दुनिया के रचेता हैं , और इसे चलाते हैं ,
वह भी वक्त की , गति को नहीं रोक सकते ||
तो चलने देते हैं , वक्त की उसी चाल को ,
जिस चाल से वह चल रहा है , चलिए उसी चाल से ,
हम भी उसी चाल से , चलने कोशिश करते हैं ,
हो सकता है हमारी कोशिश ,कामयाब हो जाए दोस्तों ,
और हम वक्त के साथ - साथ बिना थके चल पाएँ ||
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