Friday, October 31, 2025

SAHELII MERII ( PAWAN )

 

                         सहेली मेरी 

 

सुन री  पवन , आ जा मेरे अँगना में ,

मेरे गुलमोहर के , पात हिला दे पवन ,

मैं भी तो खो जाऊँ  , उन्हीं में  पवन  ,

घोंसले परिंदों के , बन जाएँ उस तरु पर  || 

 

तू तो पवन  , पूरा जग घूमती है  ,

अब बता तू  , जग कैसा है पवन  ?

मुझसे ज्यादा क्या   ?

कोई तुझको प्यार करता है  ??

 

बन जा सहेली मेरी ,और मुझे अपना बना  ,

ले चल मुझे उड़ा कर , नीले गगना में  ,

मिला दे बदरा से , चाँद से  ,

और सबसे अधिक , मेरे सपनों से   ,

मेरे हौसले ,  मेरी हिम्मत से    || 

 

हम दोनों मिलकर , पूरा जग देखेंगे  ,

मुस्कानें बाँटेंगे  , पूरे  जग  में  ,

साथ ही हम भी मुस्काएँगे  , खिलखिलाएँगे   || 

 

Thursday, October 30, 2025

SUREELAA ( AADHYAATMIK )

 

                                   सुरीला  

 

ओ बाँसुरी वाले ,  आजा , ओ बाँसुरी वाले ,

बाँसुरी  सुना के , जग को मोह  ले , राधा को साथ ला के  ,

जग में मुस्कान जगा दे , प्यार को जग में बाँट दे   || 

 

जग वाले सीख जाएँ , तुझसे प्यार करना  ,

तभी तो जग प्यार का , खजाना बन जाएगा  ,

सभी की जिंदगी को , खूबसूरत बना पाएगा   || 

 

 प्यार के रंग से सजेगा  , जब ये सारा जहां  ,

तभी तो तुम भी अपनी , बंसी चैन से बजा पाओगे  ,

और जग को अधिक - अधिक ,  सुरीला बना पाओगे  ,

बना दो ना सुरीला , और अधिक सुरीला   ||  

 

Wednesday, October 29, 2025

MAKADII KAA JAALAA ( KSHANIKAA )

 

                      मकड़ी का जाला 

 

मत सोचो किसने तुम्हें , क्या है दिया   ?

प्यार दिया है या तुम्हें , नफरत से मारा  ?

अँधियारी रात दी है  , या  किरनों का  सवेरा दिया  ?

हर कोई अपनी सोच से ही ,

किसी से संबंध बनाता है ,

अच्छा या बुरा , सच्चा या झूठा  || 

 

तुम भी अपनी सोच से , राह चुन लो दोस्तों  ,

राह और साथी , दोनों ही सोच - समझ कर चुनो ,

यदि सही चुने तो जीवन , सुंदर बन जाएगा ,

नहीं तो जीवन , मकड़ी का जाला बन जाएगा  || 

 

मकड़ी के जाले से , कोई भी बच नहीं पाता है  ,

वह उसी में फँस कर रह जाता है  ,

मकड़ी का जाला तो , भूल - भुलैंया  है दोस्तों   || 

 

Tuesday, October 28, 2025

THEEK RAAH ( KSHANIKAA )

 

                        ठीक राह 

 

दुनिया की अनगिनत राहों में से  ,

हमने भी एक राह चुनी दोस्तों  ,

जिस पर हम बिना कुछ सोचे - समझे  ,

चलते गए , और आगे चलते गए  ,

कुछ पाया हमने , कुछ खोया भी हमने  ,

मगर फिर भी हम  , चलते चले गए   || 

 

मगर उस राह में हमें  , ऐसे मोड़ मिले  ,

उन्हीं मोड़ों ने हमें , गुम कर दिया दोस्तों  ,

अब तो सारी उलझनों में  , फँसने के बाद ,

हम नहीं पकड़ पाए सही राह को  ,

ऐसी राह जो बिना गुमाए हमें  ,

हमारी मंजिल तक पहुँचा दे दोस्तों   || 

 

हर किसी की अलग ,  एक  मंजिल होती है  ,

और उस मंजिल के लिए  , एक राह निश्चित है  ,

वह राह पकड़ी तो ठीक  , नहीं  तो गड़बड़  ,

तो आप भी सोच - समझ कर ,

ठीक राह ही पकड़ो दोस्तों   || 

 

Monday, October 27, 2025

KYON CHAAHEGII ? ( PREM )

 

                        क्यों  चाहेगी  ? 

 

तुम राम ना बन जाना प्रियवर , 

जो त्याग दे अपनी  पत्नी को ,

मेरे प्रेम को भूल ना जाना प्रियवर ,

भूल जाए जो प्रेम को  ,

कोई पत्नी क्यों चाहेगी  ?  पति  रूप में राम को  || 

 

राम  बने आदर्श  राजा , मगर ना आदर्श पति को  ,

ऐसे में सीता क्यूँ अपनाए  ? ऐसे आदर्श राजा को ,

आज  की सीता कभी ना राम का ,

वरण नहीं करेगी पति रूप में   || 

 

शव जैसा पति  मिले हर  पत्नी को ,

जो सती का सम्मान करे ,

सती के हवन कुंड में दाह के बाद ,

जो तांडव करके , क्रोध  में डूबकर ,

मिटा  दे सारी दुनिया को , जला दे सारी सृष्टि को  ??

 

सती और शिव का प्रेम ,  दुनिया से ऊपर था  ,

दोनों ही एक - दूजे की ,

प्रेम और सम्मान की कहानी है ,

इसीलिए यही सत्य है  , शिव है , सुंदर है दोस्तों   || 

 

Sunday, October 26, 2025

REET ( PREM )

 

                                 रीत 

 

सुर तेरे और मेरे मिल जाएँ तो  , 

बनेगा सुंदर सा गीत ,

जैसे  तेरे और मेरे मिलने से हम  ,

बन गए एक - दूजे के मीत  ,

निभाते जा रहे हैं  हम , प्यार की सुंदर रीत   || 

 

उन्हीं में कल जो सुंदरता से , गया है बीत ,

आज चलते - चलते ही , जा रहा है यूँ ही बीत  ,

आने वाला कल भी , ऐसे ही जाएगा बीत   || 

 

सुर में सुर मिलाकर  , ही तो बना लेंगे नया गीत ,

आगे के पल भी सुंदर बना लेंगे , दे कर अपनी प्रीत ,

हर पल हम बने रहेंगे , एक - दूजे के मीत  ,

तो आओ निभा लेते हैं  , प्यार की ये सुंदर रीत   || 

 

Saturday, October 25, 2025

RANG DHARAA PAR ( JIVAN )

 

                               रंग धरा पर 

 

राहों के दोनों तरफ , छाया देते ये घने वृक्ष , 

मुस्कुराते हैं ,

उनकी मुस्कुराहटों से ही तो , हमारी धरा ,

मुस्कुराती है  ,

उसी धरा की मुस्कुराहट , ही तो जीवन में ,

सब सुख लाती है  || 

 

धरा की मुस्कुराहट ही तो , अपने चमन में ,

फूल खिलाती है  ,

उन्हीं फूलों की मुस्कान से , सारा जग  ,

महक उठता है  ,

ये फूल और महक ही तो , जग वालों का ,

जीवन महकाती है  || 

 

ये  फूल ही धरा पर , इंद्रधनुष ,

बना देते हैं  ,

इन्हीं से धरा पर , रंग अपना  रूप ,

 बिखरा देते हैं  ,

इसी इंद्रधनुष से  , हम भी अपना जीवन ,

रंगीन बना लेते हैं    || 

 

Friday, October 24, 2025

PYAARA SANSAAR ( KSHANIKAA )

 

                              प्यारा संसार 

 

सजाया था हमने अपना आशियाना ,

छोटा सा मगर सुंदर सा ,

गुनगुनाया था हमने अपने दिल का  गाना ,

छोटा  सा मगर सुंदर सा  ,

सबने ही पसंद किया दोनों को ,

छोटा सा मगर सुंदर सा  ,

मुस्कुराए सभी सब कुछ देख कर ,

छोटे मगर सुंदर संसार को  || 

 

रंगों से भरपूर हमारा संसार ,

इंद्रधनुष जैसा रंगीला संसार ,

गगन के प्रांगण में खिलता इंद्रधनुष ,

रंग गया हमारा संसार ,

यही  सब  देख कर  दोस्तों ,

खिल गया पूरा हमारा संसार  ,

हम भी खुश हो गए ,

देख कर अपना प्यारा संसार ,

प्यारा सा  संसार , जो है छोटा मगर सुंदर सा  || 

 

Thursday, October 23, 2025

MEREY KANHAA ( AADHYAATMIK )

 

                           मेरे कान्हा 

 

आओ - आओ कान्हा , मेरे गाँव में  ,

चले आओ तुम कान्हा , अपने नंद गाँव से ,

मेरा गाँव भी सुंदर लगेगा , तुमको कान्हा  ,

दिल तुम्हारा जीत लेगा , सुन लो कान्हा  || 

 

दिल में तुम उतर जाना , मेरे कान्हा  ,

मैं उतार लूँगी नजर , तुम्हारी कान्हा  ,

मेरी नजरों में जो बसोगे , तुम कान्हा  ,

होठों पे आएगी मुस्कान , तुम्हारे कान्हा   || 

 

बजेगी जब मुरलिया , तुम्हारी कान्हा  ,

दिल सभी का धड़केगा , सुन के धुन बंसी की ,

तुम बजाते रहना लगातार , अपनी बंसी कान्हा  ,

हम डूब जाएँगे बंसी की , धुन में कान्हा  ,

इसलिए  आओ - आओ  कान्हा , तुम मेरे गाँव में    || 

 

Wednesday, October 22, 2025

TAA - UMRA ( PREM )

 

                           ता - उम्र 

 

जब तक चलेगा अपना जीवन  , हम यूँ ही चलते जाएँगे  ,

बीता है अब तक जो जीवन , वैसे ही आगे भी बिताएँगे  ,

बीते बरस भी मिले - जुले थे , आगे भी मिले - जुले ही आएँगे ,

जो कुछ पाया अब  तक हमने ,  आगे भी वैसे ही पाते जाएँगे  || 

 

प्यार बाँटते अब तक आए , आगे भी सब ओर प्यार बरसाएँगे  ,

मुस्कानों में हम खुद भी डूबेंगे , दूजों को भी मुस्कानों में डुबाएँगे ,

अभी भी रंग फूलों का बंधु , रंगता हमारे जीवन को ,

उन्हीं रंगों से आगे भी हम , जीवन को रंगते जाएँगे   || 

 

दोस्तों का प्यार अभी तक पाया , आगे भी उसे ही पाएँगे   ,

खिलखिलाहटें दोस्तों की हम तो , ता - उम्र ही पाते जाएँगे   ||  

Tuesday, October 21, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

                                    

                                   कान्हा 

 

तुम्हें पुकारूँ तो क्या , तुम आओगे यहाँ कान्हा   ?

साथ में अपने राधा जी को ,  भी लाओगे कान्हा   ?

मुरली की धुन भी , क्या सुनाओगे तुम कान्हा   ?

हमारा जन्म तुम सफल ,सच में बनाओगे क्या कान्हा   ?

 

जीवन हमारा बीता जा रहा है , इस दुनिया में  कान्हा ,

तुम्हारा साथ मिलना , बहुत जरूरी है कान्हा  ,

तभी तो जीवन सुंदर ,बन जाएगा हमारा कान्हा  ,

तुम भर  दो अपनी  , मुरली की मधुरता कान्हा  ,

हमारे शब्दों में , हमारे विचारों में , हमारे जीवन में कान्हा   || 

 

Monday, October 20, 2025

DHADKAYAA ( GEET )

 

                           धड़काया 

 

जिंदगी ने धरा   पे ,रखा कदम , 

होठों पे बस , तेरा ही नाम आया  || 

 

नीले गगना में , जब रवि चमका ,

बदरा ने दे दी , धरा को छाया   || 

 

रंग फूलों के , चमन में बिखरे ,

उनकी खुश्बु ने , जहां महकाया   || 

 

मीठे बोलों से  , मिल के  गीत बने ,

उन्हीं गीतों  को , सभी ने गाया   || 

 

गीतों की लय से , जब समां  गूँजा  ,

दिलों को गीतों  , ने ही धड़काया   ||  

 

Sunday, October 19, 2025

SAPNON KEY RAASTEY ( JIVAN )

 

                    सपनों के रास्ते   

 

समय बहुत बीत  गया , ना मैंने तुम्हें पुकारा , ना ही तुमने ,

मगर एक साथ ही तो देखे , मैंने और तुमने सभी सपने ,

मेहनत और कोशिशें  तो दोनों ने कीं ,ताकि पूरे हों सपने  || 

 

जीवन तो सभी बिताते हैं , मगर रस्ते अलग सभी के ,

उन्हीं सब रास्तों पर चलकर , कोई पूरे करता अपने सपने ,

तो कोई दूजा उन्हीं रास्तों से ,नहीं पूरे कर सकता अपने सपने  || 

 

तो बताओ क्या हम पूरे कर पाएँगे  ? अपने सपने ,

चलो दोस्तों कोशिश तो कर ही लेते हैं  ,

पूरे हों या ना हों अपने सपने ,

इस तरह कुछ सीख तो मिल ही जाएगी दोस्तों    || 

 

Saturday, October 18, 2025

GIRKAR UTHNAA ( KSHANIKAA )

 

                        गिरकर उठना 

 

ताकत और धन में से कोई नहीं है , सफलता का प्रतीक  , 

कड़ी मेहनत और गिरकर उठना ही , सफलता होती है ,

जुटे रहो दोस्तों , मेहनत और कोशिशों में   || 

 

वही तो जीवन  को ले  जाएँगे , मंजिलों की राह पर ,

जीवन को सुखमय और ,आसान बना देंगे दोस्तों  ,

तो अपनाया रास्ता , मेहनत और कोशिशों का  || 

 

अगर कभी असफलता मिले , 

तो निराशा को  अपने पास ना आने देना ,

मुस्कान होठों पर सजा कर , हिम्मत जुटा कर ,

पकड़ लो रास्ता कोशिशों का ,और आशाओं में डूबकर ,

पा जाओ मंजिलों को , और खिलखिलाओ दोस्तों   ||  

 

Friday, October 17, 2025

MILII HUII SIIKH ( KSHANIKAA )

 

                            मिली हुई सीख 

 

समय अपनी चाल से चलता रहता है ,

चाहे वह गम में डूबा हो , या मुस्कान में  ,

तो दोस्तों भूल जाओ उस गम को ,

मगर उसने जो सिखाया , वह मत भूलना ,

वह सीख जो गम ने सिखाई ,

वही तो आपको आगे का रास्ता दिखाएगी   || 

 

यदि गलती कोई हुई है आपसे   ?

तो अपनी जिंदगी की किताब से ,

उस गलती वाले पन्ने को फाड़ दो दोस्तों ,

और पूरी किताब को संभाल लो ,

बस उस गलती को  ,

फिर मत दोहराना दोस्तों , जिंदगी संवर जाएगी  || 

 

हर सीख जो किसी भी , राह में मिलती है ,

वह हमें नई राह दिखाती है , राहों को आसान बनाती है ,

वही सीख हमारी मुस्कानों को बढ़ाएगी , समझ गए ना   || 

 

Thursday, October 16, 2025

KAHAAN SEY ? ( AADHAATMIK )

 

                            कहाँ से  ?

 

ना जाने कहाँ से हम आए  ? 

ना जाने कहाँ हम जाएँगे   ?

किस - किस से हम मिलेंगे   ?

कितना समय यहाँ  हम बिताएँगे  ?

 

जानता  है वही सब ,जिसने हमें बनाया ,

भेजा है इस दुनिया में , जिंदगी हमें बिताने ,

सुंदर से कर्म करने , सबको अपना बनाने ,

सभी के होठों पर , मीठी सी मुस्कान सजाने   || 

 

शुक्रिया उस रचनाकार को , इतना सुंदर जहां बनाने को ,

सारी सुंदर सी प्रकृति बनाकर , सबका मन लुभाने को ,

मीठा जल , पेड़ - पौधे , पहाड़ ,सूरज , चाँद दिए हमको ,

सभी वो सामान दिए , जीवन सुखमय बिताने को  || 

 

हम शुक्रिया  दें क्या  , उस रचनाकार को  ?

सिर्फ अपनी आस्था , अपनी भक्ति , अपनी शृद्धा ,

यही तो हम दे सकते हैं दोस्तों , उस रचनाकार को ,

तो नमन - नमन , नमन - नमन , शृद्धा पूर्वक नमन   || 

 

Wednesday, October 15, 2025

BHOLEY - BHANDAARII ( AADHYAATMIK )

 

                              भोले - भंडारी 

 

एक नेत्र में है चंद्रमा , दूसरे में है प्रकाश ,

तीसरा नेत्र जो खुले , हो त्रिलोक का विनाश  ,

मेरे भोले - भंडारी तो , बैठे हैं कैलाश   || 

 

कभी तो आओ भोले - बाबा , गौरा को ले साथ ,

भक्त तुम्हारी राह तकें , दे दो आशीर्वाद  ,

भारत भूमि पर रहने वालों को , दे दो दर्शन आज   || 

 

हर कोई ना जा सके , दर्शन करने को शिखरों पर  ,

तुम्हें ही आना पड़ेगा भोले , भक्तों की पुकार पर  ,

आ जाओगे तुम जो नीचे  , होगा भक्तों का उद्धार   || 

 

क्यों डेरा जमाया तुमने भोले , ऊँचे , बर्फीले पर्वत पर  ,

नीचे उपवन में आन बसो , जो पा  लें हम  तेरे दर्शन  ,

तभी तो हमारी जीवन नैया , लग जाएगी पार   || 

 

Tuesday, October 14, 2025

SAUGAAT ( JIVAN )

 

                            सौगात 

 

राहों में फूल तो ना मिले दोस्तों ,

काँटों की सौगात मिली ,

उजियाली राहें दूजों के हिस्से में आईं ,

हमें तो अँधियारी रात मिली  || 

 

हम तो चलते रहे उन्हीं काँटों पर ,

फूल जान कर दोस्तों ,

अँधियारी रात में भी हमने ,

दिया जलाया दोस्तों   || 

 

कुछ भी आएगा भाग्य में अपने ,

उसे हम बदल ही देंगे ,

अपनी सभी तमन्नाओं को ,

पूरा तो हम कर ही लेंगे  दोस्तों   || 

 

मेहनत और लगन से हम ,

भाग्य को चमका ही लेंगे  ,

इसी तरह हम अपने जीवन को ,

सफल तो बना ही लेंगे दोस्तों   || 

 

Monday, October 13, 2025

ADCHANEN ( JIVAN )

 

                                  अड़चनें 

 

अनगिनत संभावनाओं से भरा है ये जीवन ,

भर लो उनसे अपना आँचल दोस्तों ,

उगाओ फूलों के पौधे , जिससे महक उठे ,

अपना घर - आँगन दोस्तों   || 

 

सीधा - सादा रास्ता चुनो दोस्तों ,

उलझनें देने वाले तो बहुत हैं ,

प्यार की सीढ़ी चढ़ जाओ दोस्तों ,

सीढ़ी से  गिराने वाले तो बहुत हैं  दोस्तों  || 

 

जीवन के जिस पल को मुस्कुराकर ,

जी लेते हो तुम   दोस्तों ,

सोचो कि जिंदगी की नाव ,पार लग रही है दोस्तों  || 

 

क्षमा कर पाओ या नहीं ,

मगर भूलने की कोशिश तो करो ,

सारथी तुम बन पाओ या ना  बनो ,

अड़चनें मत खड़ी करो राहों में दोस्तों   || 

 

Sunday, October 12, 2025

UTTAM RAAH ( SAMAJIK )

  

                            उत्तम  राह 

 

नियम और  कानून  , सबके लिए समान होते हैं  ,

यह शब्द संविधान में , लिखे हैं दोस्तों ,

मगर क्या यह बात  ,सच है दोस्तों  ? 

 नहीं दोस्तों यह बात , सच  नहीं है दोस्तों  || 

 

जरा अपने आस - पास देखो दोस्तों ,

एक मकड़ी जाला बुनती है ,

उस जाले में छोटे कीड़े - मकोड़े फँसते   हैं ,

मगर बड़े कीड़े उसे , तोड़कर खत्म  कर देते हैं   || 

 

उसी तरह नियम - कानून , साधारण लोग उसे मानते हैं ,

मगर बड़े धनी और शक्तिशाली लोग ,

उन नियमों और कानूनों की  ,

धज्जियाँ उड़ा कर खुद को , आजाद  लेते हैं   || 

 

तो दोस्तों समझ जाओ आप भी , इन बातों को ,

नियम - कानून का पालन करो ,

मगर उनके जाल में फँसो मत ,

यही सबसे उत्तम राह है दोस्तों   || 

 

Saturday, October 11, 2025

MOKSH ( AADHYAATMIK )

 

                                    मोक्ष 

 

मन के हारे हार है , मन के जीते जीत  ,

किसी ने ये शब्द कहे थे दोस्तों  ,

तो दोस्तों कोशिश करते रहो ,

मन को हारने मत दो  दोस्तों  || 

 

जिंदगी बहुत लंबी है दोस्तों ,

उसमें कर्म करके जीवन बिताते रहो ,

याद रखना कर्म सुंदर हो ,

किसी को दुःख ना पहुँचाएँ ,

तभी तो जीवन भी सुंदर बनेगा  || 

 

जीवन को सुंदर बना लो ,

 भवसागर पार कर जाओगे , 

तभी तो परमात्मा में लीन हो पाओगे ,

मोक्ष को पाने का यही तरीका है दोस्तों   || 

 

Friday, October 10, 2025

FOOL KHILEY ( JIVAN )

 

                               फूल खिले 

 

जिंदगी मेरी जब जुड़ गई , तेरी जिंदगी से  ऐ - दोस्त , 

वीराने में भी फूल खिल गए ,महक उठा वो वीराना ,

होठों पर मुस्कानें सज गईं , मुस्कुरा उठा वीराना   || 

 

तो चलो  ऐ  - दोस्त , हम नया आशियाना बना लें ,

जगमगा लें उसे अपनी मुस्कुराहटों से , पा  लें अपनी मंजिल ,

टूट कर मेहनत तो , कर लें जरा  ऐ - दोस्त   || 

 

यही मेहनत  तो हमें , जिंदगी में खुशियाँ दिलाएगी ,

हमारे देखे सपनों को , पूरा करने में मदद करेगी  ,

सपने पूरे हो जाएँगे , तो  दिल  भी हमारा खिलखिलाएगा   || 

 

Thursday, October 9, 2025

BHAGYASHAALII ( KSHANIKAA )

 

                            भाग्यशाली 

 

सच की राह पकड़ लो बंधु , छोड़ो झूठी गपशप  ,

बरखा के पानी में में बच्चों संग , तुम भी  कर लो  छप - छप  || 

 

बचपन सीधा - सादा ,सच्चा , मुस्कानों से भरा हुआ ,

खेल अनोखे बचपन के , सुंदर खेलों से जुड़ा हुआ ,

उन्हीं को फिर से तुम अपना लो , करते जाओ ठक - ठक  || 

 

बचपन में पहुँचे तुम फिर से , पा जाओगे मुस्कानें ,

वही दोस्त , वही गलियाँ , वही समय पुराना ,

वही कहकहे , वही खिलखिलाहटें , गूँजती आँगन में  || 

 

माता - पिता का प्यार - दुलार , बहन - भाई का साथ ,

वो सपनों की दुनिया , नींद में और जागते हुए भी ,

दिखाई देते थे , वही जीवन फिर जी पाओ ,

तो  बहुत ही भाग्यशाली हो  तुम दोस्त   ||  

 

BEJUBAAN ( KSHANIKAA )

 

                                बेजुबां 

 

कौन था वह शख्स जिसने  ?

 इस जग में पहली बार प्यार किया , 

क्या था उन नजरों में  ? जो एक दूजे में डूब गईं ,

नजरों के चार होने में , 

क्या अहसास मिलता है दोस्तों  ?

दोस्तों ये सब कहने की नहीं , अहसास की बातें हैं  || 

 

सुनाई नहीं जातीं ये बातें , अहसास की बातें ,

जीवन हारने की बातें , साथ निभाने की बातें  ,

जो डूबे वो ही जाने , ये  अनजानी बातें  || 

 

कलम में कहाँ अहसास कोई  ?

जो  लिख जाए ये बातें ,

नजरों में कहाँ जुबां  ? जो कह जाए ये बातें  ,

दिल और उसकी धड़कन ही तो ,

महसूस करे  ये बातें  ,

मगर नहीं कह सकते कुछ भी , 

दोनों ही तो बेजुबां हैं दोस्तों   || 

 

Tuesday, October 7, 2025

EK SHAY ( KSHANIKAA )

 

                             एक शय 

 

गुमी हुई धन - दौलत , वापिस मिल सकती है ,

गुमी हुई मुस्कान भी , वापिस मिल सकती है ,

मुरझाई हुई बगिया भी , फिर से खिल सकती है ,

खोई हुई मंजिल भी , फिर से पाई जा सकती है  || 

 

जीवन में बहुत कुछ , ऐसा है  दोस्तों ,

जो खो कर भी वापिस , मिल सकता है  ,

मगर बहुत सी  ऐसी  , शय  हैं  दोस्तों ,

जो खोने के बाद , वापिस नहीं मिल सकतीं   || 

 

वक्त एक ऐसी ही   शय है , जो वापिस नहीं मिल सकती ,

आज का यह पल , जो बीत रहा है दोस्तों ,

फिर से लौट कर , कभी नहीं आएगा दोस्तों ,

इसलिए प्यार से , दिल से , इसे जीत लो दोस्तों ,

और इसे यादों में बसा लो दोस्तों   || 

  

Monday, October 6, 2025

VISHWAAS ISHWAR KAA ( AADHYAATMIK )

 

                             विश्वास ईश्वर का 

 

कुछ भी निर्णय लेने , इतने आसान नहीं होते ,

निर्णय लेने से पहले , कुछ डर तो लगता है दोस्तों ,

कि हमारा निर्णय , ठीक होगा या गलत  ?

परन्तु डर कर निर्णय लेना , छोड़ दिया जाए तो गलत है   || 

 

निर्णय लेते हुए समझदारी , बरतनी जरुरी है  दोस्तों ,

कोई भी कदम उठाने से पहले , अपने अंतर्मन को टटोलो ,

यदि वह उस कदम के साथ है , तो तुम कदम उठाओ ,

नहीं तो वहीं खड़े रहो , प्रतीक्षा करो कुछ समय के लिए   || 

 

दुःख और तकलीफ , आती हैं जिंदगी में ,

ये सब उसी ईश्वर की देन है , जिसने तुम्हें जिंदगी दी है ,

उन्हीं दुःख और तकलीफ से ही तो ईश्वर ,

तुम्हारे मनोबल और , आत्म विश्वास को बढ़ाना चाहता है ,

तो दोस्तों खरे उतरो , ईश्वर के विश्वास पर  || 

 

Sunday, October 5, 2025

AKELAAPAN ( JIVAN )

 

                           अकेलापन 

 

कहते जिसे पुरानी पीढ़ी , बिना टी  वी , कम्प्यूटर और मोबाईल के ,

मगर साथ मिलता था दोस्तों का , सभी रिश्तों का ,

सब रिश्तों को निभाया उसने , एकजुट बनाया उसने ,

प्यार सभी में बाँटा उसने , प्यार सभी में बाँटा   || 

 

आज की पीढ़ी का समय बँटा है ,टी  वी  , कम्प्यूटर , मोबाईल में ,

नहीं दोस्त हैं पास में उसके , रिश्तों को है तोड़ा उसने ,

किसी भी रिश्ते और दोस्ती का , साथ नहीं निभाया उसने ,

प्यार को तो वह समझा ही नहीं , समझा ही नहीं   || 

 

अब अगली पीढ़ी क्या करेगी दोस्तों  ? रिश्तों के बिना अकेला ,

ना उसने रिश्ते बनाए , ना रिश्तों ने उसे अपनाया ,

जीवन में  अकेलापन , सिर्फ  अकेलापन , यही उसकी तकदीर  || 

 

Saturday, October 4, 2025

SAAGAR ME CHANDAA ( CHANDRAMAA )

 

                               सागर में चंदा 

 

सागर तट पे बैठी मैं , हाथ मिलाती लहरों से ,

लहरें मेरा स्वागत करतीं , अपनी खिलती मुस्कानों से ,

लहरों के प्यार में डूबकर , सागर और मैं दोनों डूबे   || 

 

सागर के ऊपर चंदा चमके , मुस्काए ऊपर गगना में ,

सागर  के तल  पर फैली है , चम - चम , चम - चम चंदनिया ,

सागर की लहरें भी चंदनिया से , चाँदी जैसी चमक रहीं   || 

 

चंदा का चेहरा भी , सागर के पानी में चमक रहा ,

ऐसा लगता है सबको , चंदा भी मानो प्यार से ही  ,

सागर के पानी में , खुश होकर तैर रहा    ||  

 

Friday, October 3, 2025

JAGII MUSKAAN ( JIVAN )

 

                         जगी मुस्कान 

 

सब के अपने - अपने सपने ,कुछ फीके , कुछ रंगीन ,

कुछ हो जाते पूरे , कुछ हो जाते गमगीन ,

जिनके सपने पूरे होते , उनकी मुस्कानें खिल जातीं ,

जिनके सपने रहे अधूरे , राहें सभी छूट जातीं   || 

 

सपने नहीं होते , अपने आप पूरे दोस्तों ,

थोड़ी तो मेहनत ,करने की जरूरत है दोस्तों ,

तो करो मेहनत और , करो अपने सपने पूरे ,

क्यों छोड़ते हो  , दोस्तों उन्हें अधूरे   ?? 

 

सपने पूरे होते ही , जीवन चमक उठेगा ,

रंगीन दरो - दीवार से , जीवन रंगीन हो उठेगा ,

तो चलो दोस्तों , मुस्कानों को जगा लेते हैं  ,

उन्हें अपने होठों पे सजा लेते हैं   || 

 

Thursday, October 2, 2025

JAL - VIHEEN ( JALAD AA )

 

                          जल - विहीन 

 

बदरा तुम जल लेकर आए , बरखा भेजी धरा पर तुमने ,

कभी - कभी रिमझिम बूँदें , कभी मूसलाधार ,

गर्मी से तप्त धरा ने पाई ठंडक , और मानव ने भी ,

और कभी धरा हुई जल - थल ,

और रुकी मानव जीवन की रफ्तार   || 

 

जल की कमी को तुम ही बदरा , कर देते हो पूरी ,

मानव ही कर देता है , पूरी को अधूरी ,

तुम तो बदरा देकर जल को , हरियाली बरसाते  ,

तभी तो मानव अपने खेतों में , सब कुछ हैं उपजाते  || 

 

साथ दामिनी भी कड़क - कड़क कर , मानव को डराती  ,

मगर मानव  को तो  बदरा , समझ नहीं है आती  ,

मानव जल संग्रहित करेगा , तभी तो पूरा पाएगा ,

नहीं तो मानव का जीवन ,

जल - विहीन  हो जाएगा , जल - विहीन हो जाएगा  ||