सपनों के रास्ते
समय बहुत बीत गया , ना मैंने तुम्हें पुकारा , ना ही तुमने ,
मगर एक साथ ही तो देखे , मैंने और तुमने सभी सपने ,
मेहनत और कोशिशें तो दोनों ने कीं ,ताकि पूरे हों सपने ||
जीवन तो सभी बिताते हैं , मगर रस्ते अलग सभी के ,
उन्हीं सब रास्तों पर चलकर , कोई पूरे करता अपने सपने ,
तो कोई दूजा उन्हीं रास्तों से ,नहीं पूरे कर सकता अपने सपने ||
तो बताओ क्या हम पूरे कर पाएँगे ? अपने सपने ,
चलो दोस्तों कोशिश तो कर ही लेते हैं ,
पूरे हों या ना हों अपने सपने ,
इस तरह कुछ सीख तो मिल ही जाएगी दोस्तों ||
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