Thursday, October 9, 2025

BHAGYASHAALII ( KSHANIKAA )

 

                            भाग्यशाली 

 

सच की राह पकड़ लो बंधु , छोड़ो झूठी गपशप  ,

बरखा के पानी में में बच्चों संग , तुम भी  कर लो  छप - छप  || 

 

बचपन सीधा - सादा ,सच्चा , मुस्कानों से भरा हुआ ,

खेल अनोखे बचपन के , सुंदर खेलों से जुड़ा हुआ ,

उन्हीं को फिर से तुम अपना लो , करते जाओ ठक - ठक  || 

 

बचपन में पहुँचे तुम फिर से , पा जाओगे मुस्कानें ,

वही दोस्त , वही गलियाँ , वही समय पुराना ,

वही कहकहे , वही खिलखिलाहटें , गूँजती आँगन में  || 

 

माता - पिता का प्यार - दुलार , बहन - भाई का साथ ,

वो सपनों की दुनिया , नींद में और जागते हुए भी ,

दिखाई देते थे , वही जीवन फिर जी पाओ ,

तो  बहुत ही भाग्यशाली हो  तुम दोस्त   ||  

 

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