Saturday, October 25, 2025

RANG DHARAA PAR ( JIVAN )

 

                               रंग धरा पर 

 

राहों के दोनों तरफ , छाया देते ये घने वृक्ष , 

मुस्कुराते हैं ,

उनकी मुस्कुराहटों से ही तो , हमारी धरा ,

मुस्कुराती है  ,

उसी धरा की मुस्कुराहट , ही तो जीवन में ,

सब सुख लाती है  || 

 

धरा की मुस्कुराहट ही तो , अपने चमन में ,

फूल खिलाती है  ,

उन्हीं फूलों की मुस्कान से , सारा जग  ,

महक उठता है  ,

ये फूल और महक ही तो , जग वालों का ,

जीवन महकाती है  || 

 

ये  फूल ही धरा पर , इंद्रधनुष ,

बना देते हैं  ,

इन्हीं से धरा पर , रंग अपना  रूप ,

 बिखरा देते हैं  ,

इसी इंद्रधनुष से  , हम भी अपना जीवन ,

रंगीन बना लेते हैं    || 

 

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