रंग धरा पर
राहों के दोनों तरफ , छाया देते ये घने वृक्ष ,
मुस्कुराते हैं ,
उनकी मुस्कुराहटों से ही तो , हमारी धरा ,
मुस्कुराती है ,
उसी धरा की मुस्कुराहट , ही तो जीवन में ,
सब सुख लाती है ||
धरा की मुस्कुराहट ही तो , अपने चमन में ,
फूल खिलाती है ,
उन्हीं फूलों की मुस्कान से , सारा जग ,
महक उठता है ,
ये फूल और महक ही तो , जग वालों का ,
जीवन महकाती है ||
ये फूल ही धरा पर , इंद्रधनुष ,
बना देते हैं ,
इन्हीं से धरा पर , रंग अपना रूप ,
बिखरा देते हैं ,
इसी इंद्रधनुष से , हम भी अपना जीवन ,
रंगीन बना लेते हैं ||
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