फूल खिले
जिंदगी मेरी जब जुड़ गई , तेरी जिंदगी से ऐ - दोस्त ,
वीराने में भी फूल खिल गए ,महक उठा वो वीराना ,
होठों पर मुस्कानें सज गईं , मुस्कुरा उठा वीराना ||
तो चलो ऐ - दोस्त , हम नया आशियाना बना लें ,
जगमगा लें उसे अपनी मुस्कुराहटों से , पा लें अपनी मंजिल ,
टूट कर मेहनत तो , कर लें जरा ऐ - दोस्त ||
यही मेहनत तो हमें , जिंदगी में खुशियाँ दिलाएगी ,
हमारे देखे सपनों को , पूरा करने में मदद करेगी ,
सपने पूरे हो जाएँगे , तो दिल भी हमारा खिलखिलाएगा ||
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