कहाँ से ?
ना जाने कहाँ से हम आए ?
ना जाने कहाँ हम जाएँगे ?
किस - किस से हम मिलेंगे ?
कितना समय यहाँ हम बिताएँगे ?
जानता है वही सब ,जिसने हमें बनाया ,
भेजा है इस दुनिया में , जिंदगी हमें बिताने ,
सुंदर से कर्म करने , सबको अपना बनाने ,
सभी के होठों पर , मीठी सी मुस्कान सजाने ||
शुक्रिया उस रचनाकार को , इतना सुंदर जहां बनाने को ,
सारी सुंदर सी प्रकृति बनाकर , सबका मन लुभाने को ,
मीठा जल , पेड़ - पौधे , पहाड़ ,सूरज , चाँद दिए हमको ,
सभी वो सामान दिए , जीवन सुखमय बिताने को ||
हम शुक्रिया दें क्या , उस रचनाकार को ?
सिर्फ अपनी आस्था , अपनी भक्ति , अपनी शृद्धा ,
यही तो हम दे सकते हैं दोस्तों , उस रचनाकार को ,
तो नमन - नमन , नमन - नमन , शृद्धा पूर्वक नमन ||
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