Wednesday, October 29, 2025

MAKADII KAA JAALAA ( KSHANIKAA )

 

                      मकड़ी का जाला 

 

मत सोचो किसने तुम्हें , क्या है दिया   ?

प्यार दिया है या तुम्हें , नफरत से मारा  ?

अँधियारी रात दी है  , या  किरनों का  सवेरा दिया  ?

हर कोई अपनी सोच से ही ,

किसी से संबंध बनाता है ,

अच्छा या बुरा , सच्चा या झूठा  || 

 

तुम भी अपनी सोच से , राह चुन लो दोस्तों  ,

राह और साथी , दोनों ही सोच - समझ कर चुनो ,

यदि सही चुने तो जीवन , सुंदर बन जाएगा ,

नहीं तो जीवन , मकड़ी का जाला बन जाएगा  || 

 

मकड़ी के जाले से , कोई भी बच नहीं पाता है  ,

वह उसी में फँस कर रह जाता है  ,

मकड़ी का जाला तो , भूल - भुलैंया  है दोस्तों   || 

 

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