Tuesday, October 21, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

                                    

                                   कान्हा 

 

तुम्हें पुकारूँ तो क्या , तुम आओगे यहाँ कान्हा   ?

साथ में अपने राधा जी को ,  भी लाओगे कान्हा   ?

मुरली की धुन भी , क्या सुनाओगे तुम कान्हा   ?

हमारा जन्म तुम सफल ,सच में बनाओगे क्या कान्हा   ?

 

जीवन हमारा बीता जा रहा है , इस दुनिया में  कान्हा ,

तुम्हारा साथ मिलना , बहुत जरूरी है कान्हा  ,

तभी तो जीवन सुंदर ,बन जाएगा हमारा कान्हा  ,

तुम भर  दो अपनी  , मुरली की मधुरता कान्हा  ,

हमारे शब्दों में , हमारे विचारों में , हमारे जीवन में कान्हा   || 

 

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