Tuesday, October 14, 2025

SAUGAAT ( JIVAN )

 

                            सौगात 

 

राहों में फूल तो ना मिले दोस्तों ,

काँटों की सौगात मिली ,

उजियाली राहें दूजों के हिस्से में आईं ,

हमें तो अँधियारी रात मिली  || 

 

हम तो चलते रहे उन्हीं काँटों पर ,

फूल जान कर दोस्तों ,

अँधियारी रात में भी हमने ,

दिया जलाया दोस्तों   || 

 

कुछ भी आएगा भाग्य में अपने ,

उसे हम बदल ही देंगे ,

अपनी सभी तमन्नाओं को ,

पूरा तो हम कर ही लेंगे  दोस्तों   || 

 

मेहनत और लगन से हम ,

भाग्य को चमका ही लेंगे  ,

इसी तरह हम अपने जीवन को ,

सफल तो बना ही लेंगे दोस्तों   || 

 

No comments:

Post a Comment