रीत
सुर तेरे और मेरे मिल जाएँ तो ,
बनेगा सुंदर सा गीत ,
जैसे तेरे और मेरे मिलने से हम ,
बन गए एक - दूजे के मीत ,
निभाते जा रहे हैं हम , प्यार की सुंदर रीत ||
उन्हीं में कल जो सुंदरता से , गया है बीत ,
आज चलते - चलते ही , जा रहा है यूँ ही बीत ,
आने वाला कल भी , ऐसे ही जाएगा बीत ||
सुर में सुर मिलाकर , ही तो बना लेंगे नया गीत ,
आगे के पल भी सुंदर बना लेंगे , दे कर अपनी प्रीत ,
हर पल हम बने रहेंगे , एक - दूजे के मीत ,
तो आओ निभा लेते हैं , प्यार की ये सुंदर रीत ||
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