धड़काया
जिंदगी ने धरा पे ,रखा कदम ,
होठों पे बस , तेरा ही नाम आया ||
नीले गगना में , जब रवि चमका ,
बदरा ने दे दी , धरा को छाया ||
रंग फूलों के , चमन में बिखरे ,
उनकी खुश्बु ने , जहां महकाया ||
मीठे बोलों से , मिल के गीत बने ,
उन्हीं गीतों को , सभी ने गाया ||
गीतों की लय से , जब समां गूँजा ,
दिलों को गीतों , ने ही धड़काया ||
No comments:
Post a Comment