Monday, October 20, 2025

DHADKAYAA ( GEET )

 

                           धड़काया 

 

जिंदगी ने धरा   पे ,रखा कदम , 

होठों पे बस , तेरा ही नाम आया  || 

 

नीले गगना में , जब रवि चमका ,

बदरा ने दे दी , धरा को छाया   || 

 

रंग फूलों के , चमन में बिखरे ,

उनकी खुश्बु ने , जहां महकाया   || 

 

मीठे बोलों से  , मिल के  गीत बने ,

उन्हीं गीतों  को , सभी ने गाया   || 

 

गीतों की लय से , जब समां  गूँजा  ,

दिलों को गीतों  , ने ही धड़काया   ||  

 

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