Saturday, October 4, 2025

SAAGAR ME CHANDAA ( CHANDRAMAA )

 

                               सागर में चंदा 

 

सागर तट पे बैठी मैं , हाथ मिलाती लहरों से ,

लहरें मेरा स्वागत करतीं , अपनी खिलती मुस्कानों से ,

लहरों के प्यार में डूबकर , सागर और मैं दोनों डूबे   || 

 

सागर के ऊपर चंदा चमके , मुस्काए ऊपर गगना में ,

सागर  के तल  पर फैली है , चम - चम , चम - चम चंदनिया ,

सागर की लहरें भी चंदनिया से , चाँदी जैसी चमक रहीं   || 

 

चंदा का चेहरा भी , सागर के पानी में चमक रहा ,

ऐसा लगता है सबको , चंदा भी मानो प्यार से ही  ,

सागर के पानी में , खुश होकर तैर रहा    ||  

 

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