सागर में चंदा
सागर तट पे बैठी मैं , हाथ मिलाती लहरों से ,
लहरें मेरा स्वागत करतीं , अपनी खिलती मुस्कानों से ,
लहरों के प्यार में डूबकर , सागर और मैं दोनों डूबे ||
सागर के ऊपर चंदा चमके , मुस्काए ऊपर गगना में ,
सागर के तल पर फैली है , चम - चम , चम - चम चंदनिया ,
सागर की लहरें भी चंदनिया से , चाँदी जैसी चमक रहीं ||
चंदा का चेहरा भी , सागर के पानी में चमक रहा ,
ऐसा लगता है सबको , चंदा भी मानो प्यार से ही ,
सागर के पानी में , खुश होकर तैर रहा ||
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