Sunday, November 30, 2025

JAVAAB ( JIVAN )

 

                             जवाब 

 

कुछ रंग जिंदगी के , इधर - उधर बिखरे  ,

कुछ रंग जिंदगी के , मुस्कानों में निखरे  ,

क्या तुमने देखे , मेरे दोस्त   ?

 

कुछ खुश्बुएँ हवाओं में फैलीं ,

कुछ तितलियाँ चमन में उड़ीं  ,

क्या तुमने देखीं  , मेरे दोस्तों  ?

 

कुछ बोल फिजाओं में गूँजें  ,

कुछ गीत दिलों में संवरे  ,

क्या तुमने सुने  , मेरे दोस्तों  ?

 

अगर तुमने  कुछ  देखा  , तो बताना दोस्तों  ,

अगर तुम कुछ सुनो  , तो सुनाना दोस्तों  ,

हमें भी तुम्हारे जवाब का  ,

इंतजार रहेगा  दोस्तों   ||  

Saturday, November 29, 2025

SHYAAMLII ( AADHYAATMIK )

 

                          श्यामली 

 

श्याम तेरी श्यामली ने , पुकारा है तुझे  ,

आजा तू यहाँ अपनी  , बंसरी बजाते - बजाते  ,

मैं भी डूब जाऊँ तेरी  , बंसरी की धुन में   || 

 

कभी मैं मिल ना पाई हूँ , श्याम तुझसे  ,

ना कभी सामने से बंसरी , सुन पाऊँ तुझको  ,

आज तो मेरी इच्छा को पूरी  ,  तू कर दे   || 

 

तेरे वृंदावन , गोकुल तो , मैं आ ना पाऊँ  ,

बरसाने में , मधुबन में भी  , ना पहुँच पाऊँ  ,

तू ही श्याम अपनी राधा  , और बंसरी संग आजा ना  ,

अपनी श्यामला को  , अपनी  राधा से मिलवा दे ना   || 

 

Friday, November 28, 2025

KARMON KAA BHAAGYA ( KSHANIKAA )

 

                          कर्मों का भाग्य 

 

भाग्य और कर्मों का लेखा  , तुम नहीं बदल सकते  ,

मगर भाग्य और कर्म तुम्हारा , जीवन बदल सकते हैं  ,

अच्छे कर्म और  अच्छा  भाग्य  ,जीवन सुंदर बनाते हैं   || 

 

भाग्य तो अपने हाथ में नहीं होता  ,

मगर कर्म तो  अपने हाथ में होते हैं  ,

हमारी सोच और कोशिशें ही तो  ,

हमारे कर्मों को सुंदर बनाते हैं   || 

 

भाग्य तो हमारे जीवन में ,

पेड़ की जड़ों जैसा काम करते हैं  ,

और कर्म पत्तियों जैसा का  काम करते हैं  ,

जैसे पतझड़ आने पर  , पेड़ पत्तियाँ बदलते हैं  ,

वैसे ही अच्छी सोच से हम , कर्म बदल सकते हैं  ,

जैसे पेड़ जड़ों को नहीं बदल सकते  ,

हम भी अपने भाग्य को , नहीं बदल सकते   || 

 

Thursday, November 27, 2025

DEEMAK ( JIVAN )

 

                           दीमक 

 

दीमक जैसे रिश्ते हों तो  , जीवन को दुःखी बनाते हैं  ,

जैसे दीमक इमारत तोड़ दें  , ये रिश्ते जीवन तोड़ जाते हैं   || 

 

समझ जाओ रिश्तों की गहराई  , मत डूबो भंवर में तुम  ,

जीवन तो तुम्हारा है दोस्तों  , समझ जाओ शब्दों को तुम  || 

 

रंगों से भर लो जीवन को , सुंदर सा जीवन बना लो  ,

जीवन की बगिया में दोस्तों  , प्यार के फूल खिला लो  ,

फूलों की महक से  दोस्तों , जीवन को महका लो   ||  

Wednesday, November 26, 2025

AGALAA JANM ( KSHANIKAA )

     

                           अगला  जन्म 

 

राम  तुम तो अवध के राजा  ,जो सबके आदर्श  ,

प्रजा पालक तो तुम बन गए , ना बने पुत्र पालक  ,

प्रजा तो जय -   जयकार  , करती रही तुम्हारी   || 

 

 मैं तो ना हूँ राम , तुम्हारी सीता जैसी  ,

ना मैं शबरी , ना मैं अहिल्या , ना ही प्रजा तुम्हारी  ,

मैं हूँ आज की नारी , तुम्हारे युग के बहुत बाद की   || 

 

मानती हूँ गुणों  की , खान हो तुम  ,

एक आदर्श पुरुष और , देश - भक्त राजा हो ,

मगर उस अवस्था में पत्नी को ,

त्याग देना क्या उचित था   ?

 

तुम्हारी सोच और मेरी सोच , बिल्कुल अलग हैं  ,

सही गलत का विचार , करना तुम  ,

अगला जन्म जब लोगे तुम , तो सोच बदल लेना ,

सीता जैसी पत्नी तो तुम्हें , शायद ही मिले  ,

जो तुम्हारी हर जायज और नाजायज , आज्ञा का  पालन करे   || 

 

Tuesday, November 25, 2025

MAN - VACHAN ( KSHANIKAA )

 

                                  मन - वचन 

 

मत कर बुरे कर्म तू बंदे , सुंदर कर्म कर ले  ,

दूजे का बुरा नहीं करके  , अच्छों से  आँचल भर ले  ,

रचनाकार भी तो देख रहा है  , तेरे सारे कर्मों को ,

वही तो उनको तोल रहा है  , जो कुछ तू करता है   || 

 

उनके अनुसार ही वह फल  भी  देगा , जो तू करता है  ,

रचनाकार ने जीवन दिया तुझे बंदे ,उसी ने कर्म बनाए  ,

उन्हीं कर्मों को तू करता जा  , जो तेरे लिए बनाए   ||  

 

भविष्य तेरा निर्भर करेगा , तेरे ही कर्मों पर ,

रचनाकार भी तो खुश होगा  , जब तू अच्छे कर्म करेगा  ,

उसी  के बनाए सुंदर नियमों पर  , तू  मन - वचन से चलेगा  ||  

 

Monday, November 24, 2025

DUAA ( PREM )

 

                                   दुआ 

 

मेरी लेखनी से निकलते  , शब्द कहें दुनिया से ,

प्रेम - भाव अपना लो तुम  , रह लो प्रेम - भाव से तुम  ,

इस दुनिया में मुस्कान जगा लो तुम   || 

 

दुनिया जब प्रेम सागर में डूबेगी  ,

तभी तो संसार सुंदर , और मनमोहक बनेगा  ,

हम भी इसकी महक से  , महक जाएँगे  || 

 

कहीं कोई दुःखी ना हो ,  ये संदेश हमारा  ,

किसी की आँखों में नमी ना हो  ,ये कोशिश हमारी  ,

हर कोई चैन से रात भर सोए  ,ये दुआ हमारी  ,

बोलो दोस्तों हमारी , ये दुआ क़ुबूल होगी ना   ?

 

Sunday, November 23, 2025

RISHTEY ( KSHANIKAA )

 

                            रिश्ते 

 

रिश्ते नहीं एक तरफा होते  , दोनों ओर से होते हैं ,

भक्त को भगवान  की चाहत होती है जैसे ,

भगवान को भी तो भक्त चाहिए वैसे  ,

दोनों ही तो एक - दूजे के पूरक हैं   || 

 

लेखनी को अपने लिए जरूरत है कागज की ,

कागज अकेला रह कर क्या करेगा  ? लेखनी से अलग ,

कागज  और लेखनी का साथ तो जन्मों का है  ,

दोनों ही तो एक - दूजे के पूरक हैं  || 

 

कुछ ऐसा ही  रिश्ता ,

 शब्दों और भावों का , गीतों से है ,

 शब्द जब भावों में पिरोए जाते हैं ,

तो गीत जन्म लेते हैं  , 

बिना शब्द और भावों के , 

गीत कैसे बनेंगे दोस्तों   ?

तो दोस्तों  ! रिश्तों की तो सभी को बहुत जरूरत है  ||  

Saturday, November 22, 2025

JIMMEDAARII ( KSHANIKAA )

 

                             जिम्मेदारी 

 

जिम्मेदारियाँ इतनी भी मत उठाओ यारों  ,

 कि सीधा खड़ा रहना ही मुश्किल हो जाए ,

कमर झुक गई तो क्या होगा यारों  ?

जिंदगी ही मुश्किल हो जाएगी  यारों  || 

 

हौसलों की राह सीधी रखो यारों  ,

जिससे हालातों को बदल सको तुम , 

हालातों से हौसले पस्त नहीं होते यारों  ,

मगर हौसलों से हालातों को बदल डालो  तुम   || 

 

कोशिश करो अपनी  जिम्मेदारियाँ   भी किसी को ना दो ,

अपनी जिम्मेदारियाँ खुद ही समेटो यारों  ,

और साथ ही मुस्कानें भी जगा लो यारों   || 

 

मुस्कानें अपने साथ खिलखिलाहटें लाएँगी  ,

नए - नए दोस्तों को भी लाएँगी  ,

तो तुम अपने दोस्तों और खुशियों के  ,

परिवार को बढ़ाओ यारों   || 

 

Friday, November 21, 2025

HANSAA LO ( KSHANIKAA )

 

                             हँसा लो 

 

आया समय कोई भी  , गुजर ही जाता है  ,

जो आगे आएगा  , वह भी गुजर जाएगा  ,

परेशानी जो आएगी  , वह भी चली जाएगी  ,

उसके बाद  , मुस्कानें आएँगी दोस्तों   || 

 

ऐसे ही पल - पल चलता जाता है  ,

अपनी यादें ही छोड़ता जाता है  ,

उन यादों में मुस्कानें बसा लो दोस्तों  ,

जो यादें लाएँ होठों पे मीठी मुस्कानें   || 

 

यही फलसफा है जीवन का , इसे जान लो  ,

मीठी सी मुस्कानों का , राज जान लो  ,

उसी में डूब  कर ये  , जीवन बिता लो  ,

हँस लो  , और सब को हँसा लो  दोस्तों   || 

 

Thursday, November 20, 2025

MAUKAA ( SAMAJIK )

                        

                               मौका 

 

उचित और सुंदर  मौका  मिलने पर  ,

तो सभी आगे बढ़कर , जीवन सुंदर बनाते हैं  ,

मगर विपरीत परिस्थितियों में  , आगे बढ़ सके  ,

उसी का तो जीवन , सच में सुंदर होता है    || 

 

कभी - कभी आपने देखा होगा दोस्तों  ,

टूटे पत्थर की दरार में , दबा कोई बीज  ,

अचानक  अंकुरित हो उठता है  ,

हवा , पानी और  रवि  किरणों से मिली , 

ताकत के बल पर ही , वह मुस्कुरा उठता है   || 

 

अब आप ही सोचो दोस्तों  ,

क्या वह बीज सारी ताकत ,

अपने साथ लेकर आया था  ?  नहीं दोस्तों  !

यह ताकत तो उसे प्रकृति ने दी थी   || 

 

तो तुम भी अपनी ताकत को समेटकर , 

अपने जीवन को मुस्कुरा लो  ,

मुस्कान के साथ आगे बढ़ोगे तो  ,

सारी सफलताएँ आपको ही , 

अपनी मंजिल बना लेंगी  ,

आपका आँचल दुनिया भर की  ,

खुशियों से भर जाएगा  दोस्तों   ||  

Wednesday, November 19, 2025

JAHAAN SARAA ( KSHANIKAA )

 

                      जहां सारा 

 

आँखों से हम देखते हैं , ये जहां सारा  ,

ईश्वर ने जो बनाया है  , ये जहां सारा  ,

उसी की बनाई आँखों से देखें ,  जहां सारा   || 

 

आँखें बंद होते ही छिप जाए  ,ये जहां सारा  ,

दूसरा कोई नहीं जो दिखाए  , ये जहां सारा   ,

जब ईश्वर हमारी आँखें बंद करेगा  तो रोएगा , ये जहां सारा  || 

 

तो आँखें रहते ऐसे काम , कर जाओ दोस्तों  ,

जिससे हमारे जाने से दुःखी हो , ये जहां सारा  ,

और हमें सदा याद रखे  , ये जहां सारा   || 

 

Monday, November 17, 2025

PRERNAA ( KSHANIKAA )

 

                           प्रेरणा 

 

संघर्षों के बारे में  , लिखना ही काफी नहीं है  ,

उन संघर्षों से हमने  , क्या पाया  ? ये लिखना जरूरी है  ,

उसके बाद हम मुस्कुराए दोस्तों  ,  ये बताना जरूरी है  || 

 

दूजों को प्रेरणा उन्हीं  , शब्दों से मिलती है  ,

जो शहद में डूबे होते हैं  , ना कि करेले के रस में डूबे  ,

जब कि अच्छी सेहत , करेले से ही मिलती है  दोस्तों  || 

 

तो  आओ दोस्तों , हम दोनों को ही अपना लें  ,

शहद के साथ - साथ  , करेला भी अपना लें  ,

तभी तो स्वास्थ्य और  , जीवन दोनों सुंदर होंगे   || 

 

Sunday, November 16, 2025

SABAB ( KSHANIKAA )

 

                               सबब 

 

जो मन चाहे , वो मिल जाए , जरूरी नहीं  ,

जो ईश्वर दे जाए  , वही अच्छा है  , सुंदर है  ,

जीवन के लिए ईश्वर ने  , जो चुना वही सुंदर है  || 

 

ये हमारी जिंदगी है  ,भर लो उसे मुस्कानों से  ,

मुस्कानों को दूसरों से भी  , बाँट लो दोस्तों  ,

तभी तो जीवन हमारा , सुंदरतम बन जाएगा   || 

 

उम्मीद मत रखो दोस्तों  , कोई आप को  मुस्कान  बाँटेगा ,

अपनी हिम्मत के अनुसार  , आप ही मुस्कान बाँटिए  ,

वही आपकी खुशियों का  , सबब बनेगा दोस्तों   ||  

 

Saturday, November 15, 2025

DUPATTAA ( KSHANIKAA )

 

                                दुपट्टा 

 

" हवा में उड़ता जाए  , मेरा लाल दुपट्टा मलमल का  ,"

एक पुराना सुरीला गीत , इसी से प्रेरित हो ,

हमने एक लाल चूड़ीदार सूट बनाया ,

साथ में लाल दुपट्टा लेकर उसे सजाया   || 

 

शान से उसे पहन , दुपट्टा लहराते  ,

हम चल पड़े दोस्तों , मुस्कानें बिखराते  ,

बहकी - बहकी पवन का झोंका आया  ,

ले उड़ा हमारे दुपट्टे को  , साथ की झाड़ी में उलझाया  || 

 

हमने दौड़ कर पकड़ा दुपट्टा , 

झाड़ी की उलझनों से छुड़ाया  ,

पाकर दुपट्टे को सही सलामत  ,

हमने होठों पे अपनी मुस्कान को सजाया   || 

 

आज भी वह दुपट्टा उसी गीत  ,

के बोल हमारे दिल में जगा जाता है  ,

गीतकार के मधुर बोल और  ,

संगीतकार का कर्ण प्रिय संगीत   ,

दिल और दिमाग में अठखेलियाँ कर जाते हैं   || 

 

Friday, November 14, 2025

MASAALEDAAN ( KSHANIKAA )

 

                        मसालेदान 

 

भारतीय रसोई की जान  , मसालेदान  ,

नमक, मिर्च , हल्दी , धनिया , अमचूर , गरम मसाला  , 

जीरा , हींग  , सरसों  आदि ,सभी मसालों की ये खान  ,

रसोई की जान मसालेदान  , ये है स्वाद की खान   || 

 

अब भारत देश का मसालेदान  , सेना , पुलिस , खिलाड़ी  ,

विद्यार्थी , व्यापारी , मनोरंजन विभाग ,

ये ही है दोस्तों , भारत देश का मसालेदान  ,

ये है भारत की जान  , और देश की शान   || 

 

एक मसालेदान हमारे रिश्तों का  ,

माता - पिता , भाई - बहिन  , मायका  ,ससुराल , पति - बच्चे ,

हर किसी से अलग प्यार - दुलार , सेवा - सुश्रुषा  ,

और  भी तड़का लगाने वाला , रिश्ता दोस्ती का  ,

ये सभी हमारी जान हैं  , जीने का सहारा हैं   || 

 

अब है मेरी जिंदगी का मसालेदान  ,

मैं हूँ ,मेरे गीत ,मेरी लेखनी ,मेरी भावनाएँ ,

मेरे नृत्य , और मेरी शक्ति ,  

उम्र के इस पड़ाव पर भी मेरी  हिम्मत  ,

यही मेरा सुंदर मसालेदान है दोस्तों  || 

 

Thursday, November 13, 2025

KHILKHILAAY ( KSHANIKAA )

 

                        खिलखिलाय 

 

तिनका - तिनका जोड़ के  , घरोंदा लिया बनाय  ,

लंबी सी उम्र को उसमें  , हमने लिया बिताय  ,

अपनों ने ही घरोंदे को , तोड़ - तोड़ बिखराय  ,

घरोंदे के साथ  ही   , भरोसा भी चरमराय   || 

 

घरोंदे के टूटने पर  , दोबारा बन जाय  ,

मगर भरोसा ना जुड़े  , जो एक बार टूट जाय  ,

दुनिया का दस्तूर है  , अपनों से ही धोखा खाय  ,

तभी तो इस जीवन में ही  , अपनापन खो जाय   || 

 

मत खोओ  अपनापन , दोस्त लो खूब बनाय  ,

उन्हीं दोस्तों के संग  , जीवन लो बिताय  ,

बीते जीवन अपना दोस्त , होठों पर मुस्कान सजाय  ,

मुस्कान सजा कर दोस्तों  , जोरों से खिलखिलाय   || 

 

Wednesday, November 12, 2025

DOSHII KAUN ? ( KSHANIKAA )

 

                             दोषी कौन  ?

 

सूरज ने धरा पर  , जो बिखराया सोना  ,

वो सिमट कर  तेरे रूप में  , ढल गया साथी  ,

जिंदगी मेरी तो सोने सी बन गई  ,

हर पल मुस्कान से ही भर गया   || 

 

सूरज ने बिखराई , जो ऊर्जा धरा पर , 

प्रकृति भर गई उसी ऊर्जा से  ,

उसी प्रकृति ने आँचल , भर दिया मानव का  ,

मानव को जीवन में , सभी  उपहार मिले   || 

 

मानव ने किया अपव्यय  , उपहारों का हर पल  ,

धरा का उपहारों का  , खजाना खाली होने लगा  ,

मानव नहीं चेता और  , खजाना खाली हो गया  ,

प्रकृति बिगड़ उठी  , मानव को सजा देने लगी   || 

 

कहीं बाढ़ आई  , कहीं बादल फटे  ,

कहीं ग्लेशियर पिघले  , कहीं पहाड़ टूटे  ,

मानव ने दोष दिए  , प्रकृति को  ,

क्या तुम बता सकते हो दोस्तों   ?

दोषी है कौन  ?  दोषी है कौन   ?? 

 

Tuesday, November 11, 2025

VIGHNHARTAA GANESH ( AADHYAATMIK )

 

                        विघ्नहर्ता  गणेश 

 

आज के जीवन में  ,  आने वाले विघ्न  ,

आप जानते हैं , कैसे दूर होंगे   ?

कौन दूर करेगा  , उन विघ्नों को  ?

विघ्नहर्ता  गणपति दूर करेंगे  दोस्तों  || 

 

वही हैं एक मात्र देव  , जो विघ्न हरते हैं  ,

तभी तो जगवाले उन्हें  , विघ्नहर्ता गणेश कहते हैं  || 

 

हर पूजा में सभी  देवों से पहले ,

गणपति की पूजा करते हैं  ,

उनका नाम जपते हैं , उनकी आराधना करते हैं  , 

जय - जय , जय - जय , जय गणपति   || 

 

Monday, November 10, 2025

MUSKAA DIEY ( GEET )

 

                     मुस्का दिए 

 

मुस्कान ने दी हमें आवाज  , हम मुस्का दिए   ,

दिल में खिल गए सुंदर फूल  , हम मुस्का दिए  ,

राहों में बिछीं कलियाँ , हम मुस्का दिए  ,

साँसों में महक भर गई  , हम मुस्का दिए   || 

 

तुम भी आ जाओ मेरे साथ  , मिल के मुस्काएँगे  ,

हाथ तुम थाम लो मेरा  , मिल के मुस्काएँगे   ,

सजा लो अपने होठों पर तुम मुस्कान , मिल के मुस्काएँगे  ,

खिलखिला लो मेरे साथ  ऐ -  दोस्त  , मिल के मुस्काएँगे   || 

 

हम दोनों साथ हैं   , और है मुस्कान  ,

फूलों का चमन है पास  , और है मुस्कान  ,

साँसों में है महक  ,  और है मुस्कान   ,

अब हमें और क्या चाहिए   ?  मुस्कान के सिवा   || 

 

Sunday, November 9, 2025

SAPNON KII MANJIL ( KSHANIKAA )

 

                     सपनों की मंजिल 

 

सपनों की कीमत नहीं जानता कोई  ,

जो जाने वही कोशिश करे  ,

सपने सच करने की  ,

कोशिशें करने वाले की तो  ,

किस्मत भी मदद करती है  ,

और सपने सच होकर  ,

मंजिल बन जाते हैं दोस्तों    || 

 

उन मंजिलों को पाने पर ही तो  ,

इंसान मुस्कानों में डूब जाता है   ,

और कदम  - दर - कदम  आगे बढ़ता जाता है  ,

हर सपना , हर सोच  , उसकी पूरी हो जाती है   ,

जीवन खिलते फूल की तरह  ,

बन जाता है दोस्तों    || 

 

Saturday, November 8, 2025

BHUGTAAN ( KSHANIKAA )

 

                               भुगतान 

 

मौसम ने दी आवाज हम को  , मगर हम बेवफा निकले ,

हमने उसे बिगाड़ा दोस्तों , क्योंकि हम बेवफा निकले  ,

हमने उसकी वफा का गलत फायदा उठाया   || 

 

मौसम ने हमें बहुत प्यार दिया , आराम  दिया  ,

जीवन को नए आयाम दिए ,  वरदान दिए  ,

रंगों से भरा संसार दिया  || 

 

मगर हमने मौसम को , कुछ भी ना दिया  ,

उसकी सारी ताकत छीनकर  , उसे कमजोर किया  ,

आज वही मौसम बिगड़कर  ,

हम  पे गुर्राया है ,

आज वह अपना दिया तोहफा  ,

हम से वापस ले रहा है  ,

अब भुगतान तो हमें  ,

करना ही पड़ेगा  दोस्तों   ||  

Friday, November 7, 2025

PARMAATMAA ( AADHYAATMIK )

 

                           परमात्मा 

 

वक्त गुजरता जाता है , रुकता नहीं  ,

उस वक्त से जुड़े  लोग , और उनकी बातों की  ,

याद रह जाती है दोस्तों  ,

तुम उनको दिल में मत बसाओ  ,

अच्छे वक्त और  , अच्छे रिश्ते संभाल लो दोस्तों   || 

 

अच्छे कर्मों की गठरी ,  बाँध कर रख लो  ,

  भाग्य लिखने वाला  , कर्मों का ही हिसाब देखेगा  ,

बाकि कुछ भी नहीं दोस्तों   || 

 

परमात्मा के पास जाते हुए   ,

कर्म  ही साथ जाएँगे दोस्तों   ,

कर्मों के अनुसार ही परमात्मा अपना   ,

आशीर्वाद देगा  , और आत्मा को शांति प्रदान करेगा   || 

 

Thursday, November 6, 2025

CHAMKEGAA ( CHANDRAMAA )

 

                         चमकेगा 

 

चमकेगा चंदा गगन में  , चंदनिया फैलेगी हर ओर ,

मुस्कान चंदा की तो बंधु  , फैलाएगी चंदनिया धरा पर  ,

धरा तो नहा जाएगी , चंदनिया की चमक में  ,

तुम भी पकड़ो और  , ओढ़ लो चंदनिया की ओढ़नी   || 

 

चंदा तो बंधु  , दोस्त है हमारा  जन्म से  ,

रिश्ता तब जुड़ा था चंदा से  , मामा का  ,

मगर अब तो हम बने हैं  , सच्चे दोस्त बंधु   || 

 

वो चमकता है गगन में  , हम रहते हैं धरा पर  ,

दूर से ही सही बंधु  , देख सकते हैं एक दूजे को  ,

मुस्कानें चमकती रहेंगी दोनों की  , दूर से ही सही  ,

दोनों दोस्तों का प्यार तो  , फैलता रहेगा पूरे जग में   || 

 

Wednesday, November 5, 2025

PRAGATII ( SAAMAAJIK )

 

                             प्रगति 

 

इंसान  गलतियों का पुतला है  ,

कदम  -  कदम पर गलतियाँ करता ही रहता है  ,

एक गलती को फिर से ना दोहराना ही  ,

बदलाव की ओर एक कदम है   || 

 

अपनी गलती को समझ गया जो ,

और उसे सुधारने की कोशिश करता है  ,

वह ही अपनी संस्कृति को समझता  है   || 

 

जो अपनी गलतियों से सीख लेता है  ,

और जीवन में उस सीख का उपयोग करता है  ,

तो उसे तुम भी समझ लो दोस्तों  ,

वही  इंसान तो प्रगति करता है  ,

वही तो प्रगति की   राह पर चल पड़ा है   ||   

Tuesday, November 4, 2025

RIMJHIM ( JALAD AA )

 

                            रिमझिम 

 

कैसे ले आते हो बदरा , इतना सारा जल भर कर  ?

थकते नहीं हो क्या बदरा , इतना सारा जल लेकर   ?

थक तो गए होगे  तुम , बैठो मेरे पास कुछ पल  ,

बतियाएँगे हम दोनों  , अपनी - अपनी यादें बाँट कर  || 

 

जल तो तुम्हारा ठंडा , मीठा , पीने का , नहाने का मजा ,

छू कर तुमको मेरे बदरा  , सिहरन का अंदाज नया  ,

यहाँ दामिनी ना  कड़काना  , दिल हमारा काँपेगा  ,

दामिनी भी तो दोस्त है मेरी  ,देगी नहीं डरने की सजा   || 

 

देते हो रिमझिम सी वर्षा  , जल - थल सब कर देते हो  ,

बच्चे , बड़े सब  ही खुश होते  , गर्मी से राहत देते हो  ,

कल - कल करती नदिया बहती , सबको खुश कर देते हो   || 

 

Monday, November 3, 2025

JEET ( DESH )

 

                                जीत 

 

सीमा पर तैनात सिपाही , बाहर वालों से बचाते देश को ,

देश के भीतर मैदान में खिलाड़ी , मान बढ़ाते देश का   || 

 

 देश  के बेटों और  बेटियों ने , देश का मान बढ़ाया  ,

विश्व चैंपियन बन कर , भारत माँ का मान बढ़ाया  ,

विश्व के गगना पर  , भारत माता का परचम ऊँचा लहराया  || 

 

आओ चैंपियन स्वागत करते , हम सब आपका  ,

तुम हो शान देश की  , तुम हो जान देश की  ,

जय हो  , जय हो , जय - जय - जय हो तुम्हारी  ,

सदा ही ऐसे रहना  , भारत माँ देगी आशीष  तुम्हें   || 

 

आगे भी इसी तरह  , ऊँचाईयों को छूना  ,

आगे ही बढ़ते रहना  , सीढ़ी पर चढ़ते रहना  ,

तभी तो देश को सम्मान दिलाओगे  ,

अपना जीवन सफल बनाओगे   || 

 

Sunday, November 2, 2025

NAIYAA ( RATNAAKAR )

                             

                                  नैया 

 

 आँखों  में बसा सपनों का शहर ,

नींदों में सैर कराए ,

रंगों भरे सब सपने , जीवन का अर्थ बताएँ ,

 सपनों के रंगीं साए में , 

जीवन का  अर्थ मिलेगा कैसे  ?

सपने तो बुलबुलें हैं पानी के ,

टूटने पर नींद के बिखर जाते हैं   || 

 

डूबो  ना दोस्तों सपनों में  ,

भरोसा नहीं कर सकते सपनों का  ,

जीवन की राहें ही हैं सच दोस्तों  ,

यही जीवन को पार लगाएँगी  ,

ये ही संसार के सागर में ,

नैया का काम कर जाएँगी   || 

 

डगमग भले ही नैया चलती  ,

पर पूरा काम ये करती है  ,

सागर की हर लहर के साथ  ,

पार वही पहुँचाती है  ,

नैया ही पार लगाती है    || 

 

 

Saturday, November 1, 2025

ATKEY ( PREM )

 

                      अटके 

 

गीतों के झरोखों से , झाँक कर देखा  ,

तो शब्दों की  कंदरा में हम अटके  ,

उन्हीं शब्दों से मिलकर गीत बन गए  ,

हमें लगा  अरमानों के कमल खिल गए   || 

 

सब ओर रंग ही रंग छा गए  ,

मौसम और हवाएँ सभी महक गए  ,

प्यार का मौसम मानो आ गया  ,

हम उसी में पूरी तरह डूब गए  || 

 

शब्दों को जो लपेटा , हमने अपनी लेखनी में ,

वही शब्द मानो , खिल  - खिल कर महके  ,

और कुछ महक , मेरी लेखनी में छोड़ गए  ,

हम भी उसी महक में  , दोस्तों डूब गए   || 

 

आओ दोस्तों तुम भी  , उसी महक में डूबे  ,

और मेरे लिखे  , शब्दों को दिल से चुन लो  ,

दिल में जगी  , मुस्कान को होठों पे सजा लो  ||