Thursday, November 6, 2025

CHAMKEGAA ( CHANDRAMAA )

 

                         चमकेगा 

 

चमकेगा चंदा गगन में  , चंदनिया फैलेगी हर ओर ,

मुस्कान चंदा की तो बंधु  , फैलाएगी चंदनिया धरा पर  ,

धरा तो नहा जाएगी , चंदनिया की चमक में  ,

तुम भी पकड़ो और  , ओढ़ लो चंदनिया की ओढ़नी   || 

 

चंदा तो बंधु  , दोस्त है हमारा  जन्म से  ,

रिश्ता तब जुड़ा था चंदा से  , मामा का  ,

मगर अब तो हम बने हैं  , सच्चे दोस्त बंधु   || 

 

वो चमकता है गगन में  , हम रहते हैं धरा पर  ,

दूर से ही सही बंधु  , देख सकते हैं एक दूजे को  ,

मुस्कानें चमकती रहेंगी दोनों की  , दूर से ही सही  ,

दोनों दोस्तों का प्यार तो  , फैलता रहेगा पूरे जग में   || 

 

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