Wednesday, November 26, 2025

AGALAA JANM ( KSHANIKAA )

     

                           अगला  जन्म 

 

राम  तुम तो अवध के राजा  ,जो सबके आदर्श  ,

प्रजा पालक तो तुम बन गए , ना बने पुत्र पालक  ,

प्रजा तो जय -   जयकार  , करती रही तुम्हारी   || 

 

 मैं तो ना हूँ राम , तुम्हारी सीता जैसी  ,

ना मैं शबरी , ना मैं अहिल्या , ना ही प्रजा तुम्हारी  ,

मैं हूँ आज की नारी , तुम्हारे युग के बहुत बाद की   || 

 

मानती हूँ गुणों  की , खान हो तुम  ,

एक आदर्श पुरुष और , देश - भक्त राजा हो ,

मगर उस अवस्था में पत्नी को ,

त्याग देना क्या उचित था   ?

 

तुम्हारी सोच और मेरी सोच , बिल्कुल अलग हैं  ,

सही गलत का विचार , करना तुम  ,

अगला जन्म जब लोगे तुम , तो सोच बदल लेना ,

सीता जैसी पत्नी तो तुम्हें , शायद ही मिले  ,

जो तुम्हारी हर जायज और नाजायज , आज्ञा का  पालन करे   || 

 

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