Sunday, November 23, 2025

RISHTEY ( KSHANIKAA )

 

                            रिश्ते 

 

रिश्ते नहीं एक तरफा होते  , दोनों ओर से होते हैं ,

भक्त को भगवान  की चाहत होती है जैसे ,

भगवान को भी तो भक्त चाहिए वैसे  ,

दोनों ही तो एक - दूजे के पूरक हैं   || 

 

लेखनी को अपने लिए जरूरत है कागज की ,

कागज अकेला रह कर क्या करेगा  ? लेखनी से अलग ,

कागज  और लेखनी का साथ तो जन्मों का है  ,

दोनों ही तो एक - दूजे के पूरक हैं  || 

 

कुछ ऐसा ही  रिश्ता ,

 शब्दों और भावों का , गीतों से है ,

 शब्द जब भावों में पिरोए जाते हैं ,

तो गीत जन्म लेते हैं  , 

बिना शब्द और भावों के , 

गीत कैसे बनेंगे दोस्तों   ?

तो दोस्तों  ! रिश्तों की तो सभी को बहुत जरूरत है  ||  

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