दुआ
मेरी लेखनी से निकलते , शब्द कहें दुनिया से ,
प्रेम - भाव अपना लो तुम , रह लो प्रेम - भाव से तुम ,
इस दुनिया में मुस्कान जगा लो तुम ||
दुनिया जब प्रेम सागर में डूबेगी ,
तभी तो संसार सुंदर , और मनमोहक बनेगा ,
हम भी इसकी महक से , महक जाएँगे ||
कहीं कोई दुःखी ना हो , ये संदेश हमारा ,
किसी की आँखों में नमी ना हो ,ये कोशिश हमारी ,
हर कोई चैन से रात भर सोए ,ये दुआ हमारी ,
बोलो दोस्तों हमारी , ये दुआ क़ुबूल होगी ना ?
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