Monday, November 24, 2025

DUAA ( PREM )

 

                                   दुआ 

 

मेरी लेखनी से निकलते  , शब्द कहें दुनिया से ,

प्रेम - भाव अपना लो तुम  , रह लो प्रेम - भाव से तुम  ,

इस दुनिया में मुस्कान जगा लो तुम   || 

 

दुनिया जब प्रेम सागर में डूबेगी  ,

तभी तो संसार सुंदर , और मनमोहक बनेगा  ,

हम भी इसकी महक से  , महक जाएँगे  || 

 

कहीं कोई दुःखी ना हो ,  ये संदेश हमारा  ,

किसी की आँखों में नमी ना हो  ,ये कोशिश हमारी  ,

हर कोई चैन से रात भर सोए  ,ये दुआ हमारी  ,

बोलो दोस्तों हमारी , ये दुआ क़ुबूल होगी ना   ?

 

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