Thursday, November 13, 2025

KHILKHILAAY ( KSHANIKAA )

 

                        खिलखिलाय 

 

तिनका - तिनका जोड़ के  , घरोंदा लिया बनाय  ,

लंबी सी उम्र को उसमें  , हमने लिया बिताय  ,

अपनों ने ही घरोंदे को , तोड़ - तोड़ बिखराय  ,

घरोंदे के साथ  ही   , भरोसा भी चरमराय   || 

 

घरोंदे के टूटने पर  , दोबारा बन जाय  ,

मगर भरोसा ना जुड़े  , जो एक बार टूट जाय  ,

दुनिया का दस्तूर है  , अपनों से ही धोखा खाय  ,

तभी तो इस जीवन में ही  , अपनापन खो जाय   || 

 

मत खोओ  अपनापन , दोस्त लो खूब बनाय  ,

उन्हीं दोस्तों के संग  , जीवन लो बिताय  ,

बीते जीवन अपना दोस्त , होठों पर मुस्कान सजाय  ,

मुस्कान सजा कर दोस्तों  , जोरों से खिलखिलाय   || 

 

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