खिलखिलाय
तिनका - तिनका जोड़ के , घरोंदा लिया बनाय ,
लंबी सी उम्र को उसमें , हमने लिया बिताय ,
अपनों ने ही घरोंदे को , तोड़ - तोड़ बिखराय ,
घरोंदे के साथ ही , भरोसा भी चरमराय ||
घरोंदे के टूटने पर , दोबारा बन जाय ,
मगर भरोसा ना जुड़े , जो एक बार टूट जाय ,
दुनिया का दस्तूर है , अपनों से ही धोखा खाय ,
तभी तो इस जीवन में ही , अपनापन खो जाय ||
मत खोओ अपनापन , दोस्त लो खूब बनाय ,
उन्हीं दोस्तों के संग , जीवन लो बिताय ,
बीते जीवन अपना दोस्त , होठों पर मुस्कान सजाय ,
मुस्कान सजा कर दोस्तों , जोरों से खिलखिलाय ||
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