Wednesday, November 5, 2025

PRAGATII ( SAAMAAJIK )

 

                             प्रगति 

 

इंसान  गलतियों का पुतला है  ,

कदम  -  कदम पर गलतियाँ करता ही रहता है  ,

एक गलती को फिर से ना दोहराना ही  ,

बदलाव की ओर एक कदम है   || 

 

अपनी गलती को समझ गया जो ,

और उसे सुधारने की कोशिश करता है  ,

वह ही अपनी संस्कृति को समझता  है   || 

 

जो अपनी गलतियों से सीख लेता है  ,

और जीवन में उस सीख का उपयोग करता है  ,

तो उसे तुम भी समझ लो दोस्तों  ,

वही  इंसान तो प्रगति करता है  ,

वही तो प्रगति की   राह पर चल पड़ा है   ||   

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