रिमझिम
कैसे ले आते हो बदरा , इतना सारा जल भर कर ?
थकते नहीं हो क्या बदरा , इतना सारा जल लेकर ?
थक तो गए होगे तुम , बैठो मेरे पास कुछ पल ,
बतियाएँगे हम दोनों , अपनी - अपनी यादें बाँट कर ||
जल तो तुम्हारा ठंडा , मीठा , पीने का , नहाने का मजा ,
छू कर तुमको मेरे बदरा , सिहरन का अंदाज नया ,
यहाँ दामिनी ना कड़काना , दिल हमारा काँपेगा ,
दामिनी भी तो दोस्त है मेरी ,देगी नहीं डरने की सजा ||
देते हो रिमझिम सी वर्षा , जल - थल सब कर देते हो ,
बच्चे , बड़े सब ही खुश होते , गर्मी से राहत देते हो ,
कल - कल करती नदिया बहती , सबको खुश कर देते हो ||
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