Tuesday, November 4, 2025

RIMJHIM ( JALAD AA )

 

                            रिमझिम 

 

कैसे ले आते हो बदरा , इतना सारा जल भर कर  ?

थकते नहीं हो क्या बदरा , इतना सारा जल लेकर   ?

थक तो गए होगे  तुम , बैठो मेरे पास कुछ पल  ,

बतियाएँगे हम दोनों  , अपनी - अपनी यादें बाँट कर  || 

 

जल तो तुम्हारा ठंडा , मीठा , पीने का , नहाने का मजा ,

छू कर तुमको मेरे बदरा  , सिहरन का अंदाज नया  ,

यहाँ दामिनी ना  कड़काना  , दिल हमारा काँपेगा  ,

दामिनी भी तो दोस्त है मेरी  ,देगी नहीं डरने की सजा   || 

 

देते हो रिमझिम सी वर्षा  , जल - थल सब कर देते हो  ,

बच्चे , बड़े सब  ही खुश होते  , गर्मी से राहत देते हो  ,

कल - कल करती नदिया बहती , सबको खुश कर देते हो   || 

 

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