Sunday, November 2, 2025

NAIYAA ( RATNAAKAR )

                             

                                  नैया 

 

 आँखों  में बसा सपनों का शहर ,

नींदों में सैर कराए ,

रंगों भरे सब सपने , जीवन का अर्थ बताएँ ,

 सपनों के रंगीं साए में , 

जीवन का  अर्थ मिलेगा कैसे  ?

सपने तो बुलबुलें हैं पानी के ,

टूटने पर नींद के बिखर जाते हैं   || 

 

डूबो  ना दोस्तों सपनों में  ,

भरोसा नहीं कर सकते सपनों का  ,

जीवन की राहें ही हैं सच दोस्तों  ,

यही जीवन को पार लगाएँगी  ,

ये ही संसार के सागर में ,

नैया का काम कर जाएँगी   || 

 

डगमग भले ही नैया चलती  ,

पर पूरा काम ये करती है  ,

सागर की हर लहर के साथ  ,

पार वही पहुँचाती है  ,

नैया ही पार लगाती है    || 

 

 

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