Monday, December 22, 2025

BATAAO ( JIVAN )

 

                                  बताओ 

 

दोस्तों  ! ज्यादा होशियार बनने की , कोशिश मत करो  ,

नादान बने रहो  , क्योंकि तुम तो नादान ही अच्छे हो  ,

नादानी में तुम दिल से सोचोगे  , वही अच्छा है  ,

होशियार बन कर तो  तुम हर समय  , दिमाग से काम लोगे ,

सब रिश्तों को चूर - चूर कर जाओगे   || 

 

नादान लोग ही दिल से सोचते हैं  , दिल से काम लेते हैं  ,

रिश्ते जोड़ते हैं , तोड़ते नहीं हैं ,प्यार में डूबे रहते हैं  ,

इसलिए हमें तो वही नादान दोस्त ही चाहिएँ  ,

जो मुस्कुरा कर बातें करें  , दिल से रिश्ता बनाएँ  ,

तो बताओ  ! तुम क्या बनोगे  ? क्या बनोगे  ?? 

 

Sunday, December 21, 2025

SACHCHAA RISHTAA ( AADHYAATMIK )

 

                          सच्चा  रिश्ता 

 

जीवन में तुम्हें वही मिला , जो भाग्य में लिखा है  ,

जो भाग्य में लिखा है ,कोई तुमसे नहीं छीन सकता  ,

मगर ईश्वर में विश्वास , रखो मेरे दोस्त  , 

ये विश्वास तुम्हें वह भी दिला देगा  ,

जो भाग्य में नहीं लिखा  दोस्तों  || 

 

जीवन के रिश्तों में से ,

सभी पर तो विश्वास नहीं कर सकते  ,

मगर अपनी मुस्कानों से  ,

अपने दिल को सजा तो सकते हैं  ,

अपने होठों पर मुस्कानों को  , सजा लो दोस्तों   || 

 

ईश्वर पर अपने विश्वास को  

हिलने मत देना  दोस्तों  , 

वही तो सच्चा दोस्त है तुम्हारा  ,

सारे सच्चे रिश्ते उसी से हैं  तुम्हारे  ,

डूब जाओ उसी सच्चे रिश्ते में दोस्तों   || 

 

Saturday, December 20, 2025

PARIVARTAN ( JIVAN )

 

                          परिवर्तन 

 

जिंदगी परीक्षा लेती है , मगर अंक नहीं देती  ,

जिससे हम नहीं जान पाते  , कि उत्तीर्ण हुए या नहीं   || 

 

कभी -कभी , बैठे - बैठे , अचानक ही , अनजाने में  ,

कोई मुस्कान होठों पर , जाग जाती है  ,

तब हमें लगता है  , किसी ने हमें दिल से याद किया  ,

ऐसा तो कोई , प्यारा दोस्त ही कर सकता है  ,

तो दोस्तों हमें लगता है ,  उत्तीर्ण  गए  || 

 

जब कोई  हमें  दुःख देता है , बुरा करता है हमारे साथ ,

तो बदले की सोच  , जगने मत दो दोस्तों  ,

परिवर्तन लाओ व्यवहार में  , दिल बुरा हो जाएगा  ,

और जीवन में तुम अपनी , मंजिल पा जाओगे दोस्तों   || 

 

Friday, December 19, 2025

DAAYAREY ( JIVAN )

 

                           दायरे 

 

नफरतों  के दायरे ,  मत बढ़ाओ यारों  ,

सामने वालों को कोई  , अहमियत मत दो यारों  ,

अपने दिल पर नफरत का  , बोझ  मत डालो यारों   || 

 

एक माफी दे कर , अपने दिल का बोझ खत्म कर दो  ,

सामने वाले को कोई  , विशेषता महसूस मत कराओ   ,

इसके लिए नफरतों  को  , खत्म कर दो  यारों   || 

 

जीवन को सुंदर मुस्कानों से  , सजा लो यारों  ,

इसी को समेट कर , अपने आँचल को जगमगा लो यारों  ,

जीवन को , जिंदगी की तरह  , जी जाओ यारों    ||  

 

Thursday, December 18, 2025

MOH - MAYA ( AADHYAATMIK )

 

                             मोह  - माया 

 

ईश्वर का संदेसा आया  , छोड़ दे मानव जग की माया  ,

मुझमें अपना ध्यान लगा  , छोड़ दे सारी मोह और माया   || 

 

मत डूब जगत के सागर में  , भर ले नदिया का जल गागर में  ,

सागर का जल तो खारा है  , प्यासा ही रह जाएगा सागर में   || 

 

ईश्वर की बात मान कर  , छोड़ दो तुम सारी माया  ,

जीवन को प्रकृति के साथ चला लो  , बन ईश्वर का साया   || 

 

तभी जीवन भर  , सुख पाओगे तुम सभी  ,

और हर दिन  ,  खिलखिलाओगे  सभी   || 

 

SOCH - SAMAJH KAR ( KSHANIKAA )

 

                          सोच - समझ कर 

 

कभी भी किसी का बुरा मत करो , बुरा मत सोचो  ,

दोस्तों यदि बुरा किया या सोचा  ,

तो वह लौट कर , तुम्हारे ही पास आएगा  || 

 

किसी का अच्छा ना कर सको  , तो ना करो  ,

मगर अच्छा सोचो , और अपनी झोली फैलाकर रखो  ,

ईश्वर आपकी अच्छाई से , झोली भरेगा  दोस्तों   || 

 

ईश्वर अपनी बनाई रचना  ( मानव  ) , का भला चाहता है  ,

और मानव की झोली  सभी खुशियों से  ,

और मानव का दिल  , सुंदर विचारों से भर देगा  , 

तो सोच  - समझ कर चलते जाओ दोस्तों   || 

 

Tuesday, December 16, 2025

NAEY RISHTEY ( JIVAN )

 

                              नए  रिश्ते 

 

जो रिश्ते दम तोड़ चुके दोस्तों  ,

उनमें जान फूँकने की कोशिश  , ना करो दोस्तों  ,

एक तरफा रिश्ते कभी नहीं टिकते  ,

रस्सी की एक गाँठ  ,

 कभी दो  टुकड़ों को  नहीं जोड़ती  ,

दो गाँठें लगेंगी  , तभी रिश्ता जुड़ेगा   ||  

 

खत्म रिश्तों को फिर से जोड़ने की , 

जरूरत नहीं है दोस्तों  , रिश्ता टूटने की वजह  ,

हमेशा ही याद आएगी दोस्तों  ,

कोई भी याद दिल से  ,

भुलाई नहीं जा सकती  दोस्तों   || 

 

तो जो रिश्ता खत्म हो जाए  ,

तो उसे भूलने की कोशिश करो  ,

आगे बढ़ो  , नए रिश्ते बन सकें  , तो बनालो  ,

अपने प्यार का चमन  , नए फूलों से महका लो   || 

 

Monday, December 15, 2025

JHAR - JHAR ( KSHANIKAA )

 

                          झर - झर 

 

झर - झर  झरना बहता जाए  ,

 कल - कल , कल - कल गीत सुनाए  ,

ठंडा , मीठा जल दे जाए  ,

धरती की ये प्यास बुझाए  ,

नदिया , सागर को भर जाए   || 

 

जल से जग सारा जीवन पाए  ,

जगवासी जल के गुण गाएँ  ,

मगर ना वो जल को बचाएँ  ,

तो दोस्तों  ! जल को स्वच्छ रखो  ,

और जल को सुरक्षित कर लो   || 

 

अपनी समझ को काम में लाओ  ,

वर्षा  - जल को करो इकठ्ठा  ,

रखो स्वच्छ तुम जल को दोस्तों  ,

और जल को बचाओ  , जल को बचाओ  ,

ना व्यर्थ बहाओ  , जल को बचाओ दोस्तों   ||  

 

Sunday, December 14, 2025

INDRDHANUSHII SHABD ( PREM )

 

                     इंद्रधनुषी  शब्द 

 

लेखनी मेरी लिख दे तू  , 

सुंदर शब्द  ,

दुआ दे दे तू सभी को लिख  ,

मधुर शब्द  ,

जग में दोस्त बनेंगे मेरे  , लिखेगी जो  ,

मीठे शब्द   || 

 

मेरे दिल से निकलेंगे जो  ,

फूलों जैसे शब्द  ,

मेरे दिल से निकलने वाले  ,

महकते शब्द  ,

ये जग भी महकेगा , जब  फैलेंगे  ,

महकते शब्द   || 

 

प्यार भरे नगमे गूँजेंगे , जब तू लिखेगी  ,

प्यारे शब्द   ,

मौसम भी जग का होगा प्यारा , जब तू लिखेगी  ,

प्यारे शब्द    || 

 फैला दे सारे  जग में  , लिख ले तू  ये  ,

इंद्रधनुषी  शब्द   || 

 

Saturday, December 13, 2025

BHAAV ( JIVAN )

 

                                  भाव 

 

दिल का क्या काम है दोस्तों   ?

आप कहेंगे  --- रक्त को पूरे शरीर में भेजना  ,

ठीक हैं आप दोस्तों  , मगर एक दूसरा काम भी है ,

दिल में भाव पैदा होते हैं  ,

और बिजली के करैंट जैसे  ,

तेजी से पूरे शरीर में दौड़ जाते हैं    || 

 

 भावों की दुनिया , बहुत सुंदर है , जीवंत है  ,

भाव ही तो हैं  , जो रिश्ते बनाते हैं  ,

जग में प्यार बढ़ाते हैं   ,

विश्व - बंधुत्व  की भावना बढ़ाते हैं   || 

 

प्यार के भाव से ही तो  , संसार चलता जाता है  ,

अपने भावों को छिपा कर , ना रखना दोस्तों  ,

दोस्तों पर लुटा दो  , ये भावों का खजाना  ,

और दोस्तों की प्यारी महफिल में  , 

तुम भी गुम हो जाओ दोस्तों   ||  

 

Friday, December 12, 2025

APNAA DESH ( DESH )

 

                  अपना देश 

 

प्यारा सा है अपना देश   , 

सुंदर सा है अपना देश  ,

जग में नहीं है दूजा कोई भारत  ,

नहीं है जग में दूजा ऐसा देश  || 

 

अपने देश को और भी  ,

सुंदर ही बना लो यारों  ,

विकसित करने के लिए और भी  ,

समर्थ ही बना लो यारों   || 

 

तभी तो भारत - माता  हम को  ,

प्यार से गले लगाएगी   ,

तभी तो भारत  - माता हम पे  ,

अपना आशीष बरसाएगी   || 

 

हम सब हैं भारतवासी  ,

सब ही भारत - माता की संतान  ,

भारत - माता की शान के लिए  ,

कुर्बान करेंगे अपनी जान   || 

 

Thursday, December 11, 2025

NARAMII ( KSHANIKAA )

 

                                   नरमी 

 

जिंदगी की हर राह में , फूल नहीं होते  ,

वो राहें तो काँटों से , सजी होती हैं  ,

उन्हीं राहों को , पार करो दोस्तों  ,

तभी तो वही काँटे  , फूलों में बदलेंगे   || 

 

हर काँटा नई हिम्मत देगा  , हौसला देगा  ,

कदमों को मुसीबत  से बचाने में  ,

इंसान के कदमों के नीचे  , फूल  खिलेंगे  ,

और इंसान उन राहों पर  , दौड़ लगाएगा   || 

 

तो उठो तैयार हो जाओ , शुरु  करो   ,

उन्हीं राहों पे दौड़ लगाने को   ,

मत सोचो पैर छलनी होंगे  ,

सोचो फूलों की नरमी  , पैर के नीचे है   || 

 

Wednesday, December 10, 2025

BOOND - BOOND ( KSHANOKAA )

 

                           बूँद  -  बूँद 

 

पत्थरों को तराश कर  , जो मूर्तियाँ  बनती हैं  ,

उन्हीं मूर्तियों को ईश्वर के , रूप में  पूजा जाता है  ,

पत्थर जो पड़े थे राहों में  ,

उनका भविष्य इतना सुंदर होगा  ,

हम नहीं जानते थे , पत्थर खुद भी नहीं जानते थे  || 

 

दोस्तों मानव भी जन्म के समय  , पत्थर होता है  ,

उसी को गढ़कर ईश्वर नहीं  , इंसान बना लो  ,

तभी तो यह संसार  , स्वर्ग जैसा सुंदर होगा   || 

 

कण  - कण में प्यार बसा होगा  ,

बूँद  -  बूँद में प्यार बरसेगा  ,

उसी  वर्षा में खुद को , भिगो लो दोस्तों  ,

जिंदगी को सुंदरतम  , बना लो दोस्तों   ||   

 

Tuesday, December 9, 2025

AMEER YAA GAREEB ( KSHANIKAA )

 

                          अमीर  या  गरीब  

 

जिसके जीवन में अपनों का प्यार है  , वह अमीर है ,

जिसके जीवन में अपनापन है , वह अमीर है  ,

जिसके जीवन में संतुष्टि है , वह अमीर है   || 

 

जो सब का  भला चाहता है  , वह अमीर है  ,

जो चैन की नींद सोता है  , वह अमीर है  ,

जो मुस्कानों में डूबा रहता है  , वह अमीर है  || 

 

जो बेचैनी से करवटें  बदलता है  , वह गरीब है  ,

जिसके जीवन में असंतोष है , वह गरीब है  ,

जो सिर्फ अपना भला चाहता है  , वह गरीब है  || 

 

जिसके चेहरे पर  मुस्कान नहीं है  , वह गरीब है  ,

बताओ दोस्तों  ! आप अमीर हैं या गरीब  ?

मैं अपना बताऊँ  ?

मैं तो दोस्तों  , अमीर हूँ  ,

चैन की नींद सोने वाली , और मुस्कानों में डूबी  || 

 

Monday, December 8, 2025

SEEDHII ( CHANDRAMAA )

 

                            सीढ़ी 

 

चाँद जा छिपा बदरा के आँचल में  ,पवन भी धीमी सी बही  , 

चाँदनी जो फैली गगन में ,धरा भी मोहित हो गई  ,

चाँदनी कुछ - कुछ निकली , बदरा के झरोखों से ,

पहुँच कर उसकी चमक तो , धरा को भी चमका गई   || 

 

धरा ने पुकारा चाँद को  , आ जाओ चाँद तुम  ,

चंदनिया  और भेजो तुम  , मुस्कान अपनी बढ़ा लो तुम ,

चाँद ने सुनी जो धरा की पुकार  , बोला वो मुस्कान के साथ ,

मैं तो नीचे ही उतर आऊँगा , जरा सीढ़ी  लगा दो तुम  || 

 

मगर सीढ़ी तो ना थी कोई  , धरा क्या करती ,थी लाचार  ?

मानव ने बहुत कुछ किया , मगर ना सीढ़ी की तैयार  ,

चलो जुट जाओ मानव तुम  , अब एक सीढ़ी करो तैयार   || 

  

Sunday, December 7, 2025

GEET BUNEY ( KSHANIKAA )

 

                             गीत बुने 

 

कलम तू सुंदर - सुंदर लिख ले  ,

ऐसे शब्द तू चुन ले , बुन  ले  ,

जो जग में मुस्काते फूल खिलाए  ,

और जग के सारे चमन महकाए   || 

 

सब की आँखें चमक से भर जाएँ  ,

सब के दिल खुशी से खिल जाएँ   ,

दोस्तों की महफिल रंगों से सज जाए  ,

सभी गीतों की लय में समा  जाएँ    || 

 

मैंने तुझे प्यार के जो शब्द दिए  , 

उन्हीं शब्दों को तू  लिख दे हर ओर  ,

उन्हीं शब्दों से मैं गीत बुन लुँगी  ,

और सभी उन्हीं गीतों को प्यार से गाएँगे   || 

 

Saturday, December 6, 2025

UDDHAAR ( JALAD AA )

 

                        उद्धार  

 

बदरा जो छाए गगन में , चाँद का पर्दा बन गया  ,

बदरा के आँचल को , चाँद ने अपना घूँघट बना लिया  ,

धरा ने बदरा के पार  , चाँद का चेहरा नहीं देखा ,

धरा ने तो दामिनी की  , रोशनी को देख लिया  || 

 

बदरा ने जो भेजी बरखा  , तो उस जल से तृप्त हो गयी  ,

प्यास धरा की जो बुझी , नदिया , सागर भर गए  ,

नदिया जब उछली , दौड़ी , सागर की लहरें भी मचलीं  ,

दामिनी ने हर वादे को  , पूरी तरह निभा दिया  || 

 

हरियाली छाई धरा पर , धरा का शृंगार हो गया  ,

खिल उठे फूलों के चमन ,

बाग - बगीचों का उद्धार हो गया  ,

जग सारा महक उठा  , जग सारा महक उठा   || 

 

Friday, December 5, 2025

BHAAV SHABDON KE ( KSHANIKAA )

 

                   भाव शब्दों के 

 

लिख दे लेखनी शब्द मधुर  ,

उपजे   हैं जो मेरे दिल से   ,

तू भी प्यार करे मुझ से   ,

मैं भी प्यार करूँ तुझ से   || 

 

शब्दों का खजाना है तुझ में  ,

भावों का खजाना मुझ में पलता  ,

तेरे शब्द उतरें कागज पर  ,

भावों का खजाना मुझ में  चलता   || 

 

तू तो मीठे शब्द संवार  ,

मैं भावों को लेती हूँ निखार  ,

जीवन तेरा - मेरा मिल कर  ,

सब कुछ ही लेगा , गीतों को संवार   || 

 

गीतों  में जब शब्द जुड़ेंगे  ,

भाव भी तो शामिल होंगे  ,

जब सब सुनेंगे   गीतों को  ,

तभी तो सब ही खुश होंगे   ||  

Thursday, December 4, 2025

BANAA DE RATNAAKAR ( RATNAAKAR )

 

                     बना दे रत्नाकर 

 

डुबकी मारी सागर में  , मिला ना मोती एक  ,

जबकि सागर में तो  , रत्न भरे अनेक  || 

 

सागर खारा ही सही  , रत्नाकर है वो  ,

उसको ही रत्न मिलेंगे  , डुबकी लगाए जो   || 

 

सागर तेरे द्वार पर  , खड़े हैं तेरे मित्र  ,

जो करते रहते हैं  , सदा ही तेरा जिक्र   || 

 

सागर द्वार खोल तू  , अंदर आने दे हमको   ,

हम वही मित्र हैं तेरे  , प्यार तू करता जिनको   || 

 

ना मैं मछली , ना मैं लहर हूँ , तेरी सागर  ,

जो तैर - तैर कर ,  आ जाऊँ तेरे पास मैं सागर  ,

अपने अंदर के कुछ रत्नों को देकर   ,

बना दे मुझको भी रत्नाकर  , अपने जैसा  , अपने जैसा  ही  ||  

 

Wednesday, December 3, 2025

MUSKAATE SHABD ( KSHANIKAA )

 

                          मुस्काते शब्द 

 

दोस्तों कितनी दूरियाँ हुईं  , उम्र बढ़ने के बाद  ,

 कभी तो  मिलने की  , कोशिश कर लो दोस्तों  || 

 

मेरे दरवाजे की घंटी बजा दोगे  , 

तो बहुत अच्छा लगेगा  ,

ना हो तो एक फोन ही तुम  , मिलाओ तो सही  || 

 

फोन पर ही , कुछ तो बातें होंगी  ,

मुलाकातें  ना सही  ,

जज्बात ही आपस में मिल जाएँ  || 

 

कुछ तो मुस्काते शब्द ही  , पहुँचे एक - दूजे तक  ,

कुछ तो यादों की तस्वीरें  , उकेरी जाएँ  शब्दों में  || 

 

Tuesday, December 2, 2025

PAVAN ( JIVAN - DAYINI ) BHAG - 2

 

                           जीवन - दायिनी 

 

जग वालों को , साँसें देने वाली पवन ,

तू तो सब की  प्यारी  है  , मेरी सहेली है  ,

दिखाई तू नहीं  देती , किसी को  ,

मगर पवन तू  , अहसास तो देती है  ,

अपने होने का  , अपने  बहने का    || 

 

शीतलता ही , तेरा गुण है  ,

सबको शीतलता देती है  ,

साँसों से सबको जीवन  मिलता ,

 तू ही तो  , जीवन - दायिनी है पवन  || 

 

काश तुम हमें , दिखाई देतीं  पवन  ,

काश तुम पानी की तरह  , तो दिखाई देतीं  ,

मगर जो अहसास , तुम देती हो   ,

वह तो कोई , दूसरा नहीं दे पाया  || 

 

तुम से सुंदर , तुम से अच्छा कोई नहीं  ,

पवन , पवन , तुम ही तो सच्ची सहेली हो  ,

जीवन हो हमारा   , प्राण हो हमारा   ||  

 

Monday, December 1, 2025

BAATEN KAR LO ( KSHANIKAA )

 

                          बातें कर लो 

 

ये हमारा जीवन है दोस्तों  ,

सपनों में डूबा , मुस्काता हुआ  ,

अपने सपनों को  , साकार कर लो दोस्तों  ,

सभी दोस्तों को , याद कर लो ,

सभी दोस्तों से  ,  बातें कर लो दोस्तों   || 

 

ऐसा करने से , सभी का जीवन मुस्काएगा  ,

सभी कुछ सुंदर बन   जाएगा ,

तो बढ़ चलो राह पर  ,

खिलखिलाहटों में , डूब जाओ दोस्तों   || 

 

कोई अपने आने वाले कल को  ,

नहीं जानता  है दोस्तों  ,

तुम अपने दोस्तों से मिलकर ही  ,

जीवन को  महका लो , मुस्कुरा लो दोस्तों   || 

 

ये मुस्कान और महक ही तो  ,

दिल को सुकून दिलाएगी  ,

खुशियों की डोली आएगी अपने घर  ,

गमों को ले जाएगी बाहर  , हाँ  जी  ! बाहर   ||